विजय संभव फाउंडेशन ने विश्व साईं नर्सिंग कॉलेज इलेक्ट्रॉनिक सिटी में निःशुल्क चश्मा वितरण किया

हिन्द सागर, बेंगलुरु: विजय संभव फाउंडेशन ने हाल ही में विश्व साईं नर्सिंग कॉलेज में हुए निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर में सभी जरूरतमंदों 44 छात्राओं को निःशुल्क चश्मा वितरण किया। इस विशेष आयोजन में समाज के हित में तीन महत्वपूर्ण पहलुओं पर अध्यक्ष डॉ. रवि राजहंस ने निःशुल्क चश्मा वितरण, सायबर सुरक्षा और सस्टेनेबिलिटी पर अपना व्यक्तव्य दिया और सभी का ध्यान केंद्रित कराया। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाना था, बल्कि समाज के पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में योगदान भी देना था।
निःशुल्क चश्मा वितरण विजय संभव फाउंडेशन द्वारा बैंगलोर के कई ग्रामीण क्षेत्रों और सरकारी स्कूलों में निःशुल्क चश्मा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य उन लोगों तक पहुंचना था, जो आंखों की नियमित जांच और उपचार का खर्च नहीं उठा सकते। डॉ. रवि राजहंस ने कहा कि आज भी कई लोग दृष्टि दोष के कारण जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करते हैं। इस समस्या का समाधान करके उन्हें बेहतर दृष्टि और जीवन की गुणवत्ता का अनुभव कराया जा सकता है। आज के समय में सायबर सुरक्षा की आवश्यकता को समझते हुए, विजय संभव फाउंडेशन के अध्यक्ष ने डिजिटल युग में लोगों की सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. रवि राजहंस ने कहा कि वर्तमान समय में लोग इंटरनेट पर निर्भर हैं, जिससे साइबर अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं। फाउंडेशन ने विशेषत: बच्चों और वृद्ध लोगों के लिए जागरूकता अभियान चलाए, ताकि वे सुरक्षित रूप से डिजिटल सेवाओं का उपयोग कर सकें। इसके साथ ही, उन्होंने सायबर सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ निकट भविष्य में मिलकर वर्कशॉप और सेमिनार का आयोजन किया जाएगा ताकि लोग विभिन्न ऑनलाइन खतरों से सावधान रह सकें। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए, फाउंडेशन के अध्यक्ष ने सस्टेनेबिलिटी पर एक विशेष पहल की शुरुआत की। डॉ. रवि राजहंस के अनुसार, समाज को स्थायित्व की ओर अग्रसर करने के लिए आवश्यक है कि लोग पर्यावरणीय नुकसान को कम करने वाले तरीकों को अपनाएं। इसके लिए फाउंडेशन ने वृक्षारोपण, पुन: उपयोग की आदतों को प्रोत्साहित करने के लिए कई कार्यशालाओं का आयोजन किया। साथ ही, उन्होंने प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान में भी सक्रिय योगदान दिया और लोगों को प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए जागरूक किया। इसी कड़ी में उन्होंने 50 सूती कपड़ों से बने बैग भी वितरित किया।डॉ. रवि राजहंस का मानना है कि इन तीनों पहलुओं पर काम करके हम समाज के हर व्यक्ति के जीवन में सुधार ला सकते हैं। विजय संभव फाउंडेशन इसी दिशा में अपने प्रयास जारी रखेगा ताकि समाज के हर वर्ग को इन पहलाओं से लाभान्वित किया जा सके। इस अभूतपूर्व आयोजन को सफल बनाने में कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ सोफिया, और बाकी टीचिंग स्टाफ, फाउंडेशन के सदस्य अक्षय और विजय शंकर गुप्ता का योगदान रहा।