मीरा-भाईंदर के उत्तन स्थित ठोस अपशिष्ट परियोजना क्षेत्र में मनपा आयुक्त द्वारा किया गया पहल
हिन्द सागर @ चतुर्भुजा पाण्डेय
मीरा-भाईंदर: 11 अक्टूबर, 2025 को उत्तन स्थित ठोस अपशिष्ट परियोजना क्षेत्र में जापानी मियावाकी अवधारणा के अंतर्गत विकसित शहरी वन/पार्क का उद्घाटन मीरा भाईंदर मनपा के आयुक्त एवं प्रशासक, राधाबिनोद ए. शर्मा (भा.प्रा.से) के द्वारा हुआ।
आयुक्त के मार्गदर्शन में मीरा-भाईंदर शहर में हरित पट्टी बढ़ाने और पर्यावरण संतुलन प्राप्त करने के उद्देश्य से 50,000 पेड़ लगाने की एक व्यापक पहल को क्रियान्वित करेगा।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना, दुर्गंध को नियंत्रित करना और शहर की सुंदरता को बढ़ाना है। साथ ही, इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों में वृक्षारोपण की संस्कृति को बढ़ावा देना है।
इस व्यापक हरित पहल के तहत, मीरा-भाईंदर मनपा ने उत्तन स्थित ठोस अपशिष्ट परियोजना क्षेत्र में लगभग 8,600 पेड़ लगाकर एक अनूठा कदम उठाया है। इस पार्क में भारतीय और विशेष रूप से 49 स्थानीय प्रजातियों के पेड़ लगाए गए हैं। यह अभियान अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र के रूप में प्रसिद्ध इस क्षेत्र में हरित क्षेत्र बनाने और पर्यावरण संरक्षण एवं जैव विविधता को बढ़ाने के संदर्भ में एक आदर्श स्थापित कर रहा है। यह परियोजना केशव सृष्टि संस्था द्वारा क्रियान्वित की जा रही है और एचडीएफसी लाइफ के सीएसआर फंड के माध्यम से इस पहल को साकार किया गया है। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद, माननीय आयुक्त, केशव सृष्टि संस्था के प्रतिनिधियों, एचडीएफसी लाइफ के प्रतिनिधियों, मनपा स्कूल के छात्रों और मनपा कर्मचारियों ने वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
पौधारोपण से पहले, भूमि का संतुलन बनाए रखने के लिए जगह को साफ़ करके 3 फीट गहराई तक खोदा गया और उस पर लाल मिट्टी की डेढ़ फीट की परत चढ़ाई गई। ऊपर से मिट्टी और गोबर का मिश्रण डालकर संतुलन बनाए रखा गया। इसके बाद, व्यवस्थित तरीके से पेड़ों की कतारें लगाई गईं। पेड़ों को आवश्यक पोषण प्रदान करने के लिए प्रत्येक गड्ढे में नीम, कोकोपीट और वर्मीकम्पोस्ट डाला गया। साथ ही, पेड़ों की निरंतर और स्वस्थ वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए पौधारोपण के बाद ड्रिप सिंचाई प्रणाली भी लगाई गई है।
मीरा-भाईंदर मनपा केशव सृष्टि और एचडीएफसी लाइफ के संयुक्त प्रयासों से कार्यान्वित यह पहल प्रदूषण नियंत्रण, जैव विविधता संरक्षण और नागरिकों के स्वस्थ भविष्य की दिशा में एक कदम है। विभिन्न स्थानीय वृक्ष प्रजातियों के रोपण से अगले कुछ वर्षों में मीरा-भाईंदर नगर निगम क्षेत्र में हरित आवरण बढ़ेगा, हवा स्वच्छ होगी और पर्यावरण को अधिक लचीला बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही, ऐसी पहलों को सफल बनाने के लिए तीनों पीपीजी यानी सार्वजनिक, निजी और सरकारी की संयुक्त भागीदारी आवश्यक है। साथ ही आयुक्त एवं प्रशासक राधाबिनोद ए. शर्मा (आई.पी.एस.) ने कहा की वृक्षारोपण के बाद उनका संरक्षण भी उतना ही महत्वपूर्ण है।