मीरा-भाईंदर से इतिहास दोहराएंगी गीता जैन ?

चतुर्भुजा पाण्डेय @ हिन्द सागर
मीरा-भाईंदर: मीरा भाईंदर 145-विधानसभा सीट पर भाजपा समर्थित दो लोगों के चुनाव मैदान में ताल ठोकने से मामला बहुत पेचीदा हो गया है। इस बीच निर्दलीय विधायक गीता जैन के नामांकन वापस लेने की चर्चा पर असमंजस का माहौल फैल गया था। जिस पर गीता जैन ने वीडियो के जरिए समाज के नाम संदेश जारी कर विरोधियों पर भड़कते हुए चुनाव लड़कर दोबारा इतिहास दोहराने की बात कही।

बता दें कि भाजपा के नरेंद्र मेहता की मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा परिवार की ही निर्दलीय विधायक गीता जैन है, अभी हाल ही में उनके नामांकन वापस लेने के कयास लगाए जा रहे थे। जिस पर पूर्ण विराम लगाते हुए गीता जैन ने कहा कि प्रतिस्पर्धी उनसे घबरा गए हैं, इसलिए उनके द्वारा नामांकन वापस लिए जाने का अफवाह फैला रहे हैं। जैन ने कहा कि विरोधियों का डर चरम सीमा पर है, सब जानते हैं कि गीता भरत जैन एक ऐसा नाम है, जो लड़ने से कभी पीछे नहीं हटी, उनका कहना है कि किन्हीं कारणवश भाजपा परिवार द्वारा उनको टिकट नहीं मिल सका लेकिन वह भाजपा के वरिष्ठों के आशीर्वाद से निर्दलीय चुनाव लड़कर दोबारा इतिहास दोहराएंगी।

मैदान में हैं 23 उम्मीदवार

ज्ञात हो कि मीरा भाईंदर 145 विधानसभा क्षेत्र से 23 नामांकन वैद्य घोषित किए गए हैं। जिनमें कांग्रेस से मुजफ्फर हुसैन, भाजपा से नरेंद्र मेहता, मनसे से संदीप राणे और बसपा से कालीचरण हरिजन तथा इसके अलावा राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय स्वराज्य सेना से एड. अरुण कुमार खेड़िया, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आ) से अरुणा चक्रे, हिंदू समाज पार्टी से सुरेन्द्र कुमार जैन, बहुजन विकास आधाड़ी से फ्रीडा मोराईस व सरदार वललभभाई प्रटेल पार्टी से सत्य प्रकाश चौरसिया के नाम का समावेश हैं। इन उम्मीदवारों के अलावा 14 निर्दलीय उम्मीदवारों के नामांकन भी वैद्य हैं। जिनमें प्रमुख रूप से गीता भरत जैन, सुमन नरेंद्र मेहता, सुरेश खंडेलवाल, अरुण कदम, हंसू कुमार पांडे चंद्रकांत मोदी और अन्य 8 लोगों के नाम का समावेश है, 4 नवंबर को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।