एक शाम गौ माता के नाम विशाल भजन संध्या का हुआ आयोजन:

एक शाम गौ माता के नाम विशाल भजन संध्या का हुआ आयोजन:

गाय बचेगी तो देश की संस्कृति बचेगी: स्वामी पुखराज महाराज

हिन्द सागर,तुमकूर: श्री कृष्णा गौशाला फाउंडेशन ट्रस्ट गांव केंपोहल्ली उरडीगेरे दावसपेट के तत्वाधान में श्री श्री श्री सिद्धलिंग महास्वामी सिद्धगंगा मठ तुमकूर एवं बेंगलूरू स्थित कृष्णा गौशाला के संत पुखराज महाराज के सानिध्य में उरडीगेरे के कृष्णा गौशाला परिसर में दिनांक 23 मार्च 2024 शनिवार को एक शाम गो माता के नाम भजन संध्या का आयोजन रखा गया। गोशाला परिसर को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ गोमाता प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित से हुआ। भजन गायक राधे श्याम माली ने गणेश स्तुति से धर्मसभा का शुभारंम किया। ओम मुंडेल ने मायड़ भाषा में मधुर लोक भजनों की दी। लोक भजनों पर भावविभोर होते हुए भक्त देर रात तक झूमते रहे। मुडेल ने भजनों व कथाओं के माध्यम से गोमाता की महत्ता बताई। कृष्णा गोशाला के संत पुखराज महाराज ने कहा कि गौ बचेगी तो देश की संस्कृति बचेगी। उन्होंने कहा कि गाय व सृष्टि का आपसी संबंध गहरा है। गाय कि नित्य सेवा करने से पुण्यार्जन होता है। समाजसेवी महेन्द्र मुणोत ने कहा कि गाय की सेवा कर हम अपना जीवन धन्य कर सकते है। घर में गाय पालने से सभी प्रकार के वास्तु दोष व नकारात्मक उर्जा नष्ट हो जाती है। मुणोत ने गोशाला को आर्थिक सहयोग देते हुए भक्तों को गो सेवा के लिए प्रेरित किया। गो भक्त महेंद्र वैष्णव ने कहा कि हमें संकल्पित रूप से साझा प्रयास कर गौसेवा करनी होगी तभी गौवंश को बचाया जा सकता है। समाजसेवी शांतिलाल जैन ने कहा कि प्रत्येक व्यकि को गौ सेवा हेतु आगे आना चाहिए एवं गौसेवा को पेशा बनाकर इसे आत्मनिर्भर बनाना चाहिए। रमेश भंडारी ने कहा कि गौशालाओं में गाये स्वय अपना खर्च केसे निकाले इस हेतु प्रयास आवश्यक है। भजन संध्या में ओम मुडेल ने प्रस्तुत भजन -गोमाता की रक्षा करोला तो हो जालेवा बेड़ा पार — पर पुरा परिसर जय श्रीराम के उदघोष से गुजांयमान हो गया। राधेश्याम माली ने वारी जाऊ बलियारी जाऊ’— वीणों वाजे सांवरीयां थारा नाम रो—खोल आडो खोल जसोदा मां , भजनों की प्रस्तुतियां दी। भजन गायक कैलाश पवांर ने म्हारी मां के बराबर कुछ भी नही —पगलिया म्हारे दो माताजी आंगणे भजनों की प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर बाबुलाल सीरवी, चेनाराम सीरवी, चिमनाराम सीरवी, समाजसेवी सुरेश सैणचा, प्रताप सीरवी आरएसएस, नेमाराम सैणचा, जोगाराम सेपटा, ओमप्रकाश माली, भिंजाराम पटेल, शेषाराम प्रजापत, राजूराम जाट, भोलाराम पंवार, घेनाराम हनपरा, मांगीलाल गहलोत, गुणेश राम परिहार, रतनलाल मुलेवा, घेवरलाल, श्रवणलाल, जयराम, नारायणलाल, देदाराम पंवार, भेराराम चोयल, रतनलाल पंवार उपस्थित रहें। इस मौके पर कार्यक्रम स्थल पर प्रसादी का आयोजन रखा गया है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में राजस्थानी प्रवासी 36 कौम के लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मोहन सीरवी ने किया।