चारों वेद और उपनिषदों से पूजन के बाद नवनिर्मित मंदिर में विराजे भगवान सूर्यनारायण

चारों वेद और उपनिषदों से पूजन के बाद नवनिर्मित मंदिर में विराजे भगवान सूर्यनारायण

देशभर से पहुंचे शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण समाज बंधु बंधुओं के जयकाराें से गूंजा आयाेजन स्थल

प्रतिष्ठा महाेत्सव की पूर्वसंध्या पर लाेकगायकाें ने भजनाें की प्रस्तुतियाें से बांधा समां

हिन्द सागर, बेंगलुरु: बेंगलुरू
जेपी नगर स्थित मंदिर परिसर में बुधवार काे धार्मिक उल्लास से लबरेज रहा। माैका था यहां नवनिर्मित मंदिर में सूर्यनारायण भगवान प्राण-प्रतिष्ठा का। बसंत पंचमी के पावन पर्व पर जहां प्रकृति भी पूरी तरह श्रृंगारित थी, ताे फिजां में गूंजते भगवान भास्कर के जयकाराें से पूरा माहाैल ही धार्मिक उल्लास से भर गया। खास बात यह रही कि देशभर से पहुंचे हजाराें शाकद्वीपीय समाज बंधु इस भव्य आयाेजन के साक्षी बने।
प्रवक्ता भूपेश कश्यप ने बताया कि प्रतिष्ठा महाेत्सव के तहत श्रृंगेरी से आए पद्मश्री गौरीशंकर के आचार्यत्व में चारों वेद और उपनिषदों के मंत्रों से पहले भगवान सूर्यनारायण का पूजन किया गया। फिजां में गूंजते वेद मंत्रों व महिलाओं की ओर से गाए गए मंगल गीताें के बीच तीन दिन से निरंतर चल रहे हवन की पूर्णाहुति हुई। इसके बाद वेद मंत्रों से स्थापित कलशों से भगवान सूर्यनारायण की प्रतिमा का पंचामृत से महाभिषेक किया गया। मंदिर के शिखर पर कलशों को स्थापित कर कुंभाभिषेक किया गया। इसके बाद मुख्य यजमान भास्कर रत्न सुनील शर्मा एवं उनकी धर्मपत्नी संतोष शर्मा, ज्येष्ठ बहु चंद्रा शर्मा सहित परिवार ने मंदिर के शिखर पर सूर्य ध्वज फहराया। इसके बाद भगवान सूर्यनारायण की महाआरती हुई, जिसमें देश विदेश से आए समाज बंधु शरीक हुए।
*शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज के इतिहास में एक ओर अध्याय जुड़ा*
बेंगलुरु में भगवान सूर्यनारायण मंदिर के मुख्य लाभार्थी सुनील शर्मा का कहना है कि उनके पिता शर्मा ट्रांसपाेर्ट के संचालक स्व. डीपी शर्मा व भाई स्व.सुरेश शर्मा ने बेंगलूरु में सूर्य मंदिर की परिकल्पना की थी। आज उनका यह सपना ताे साकार हुआ ही है, पांच दिवसीय इस प्रतिष्ठा महाेत्सव से शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज के इतिहास में एक और अध्याय भी जुड़ा है।

*कर्नाटक के मालूर में बनी भगवान भास्कर की मुख्य प्रतिमा*

नवनिर्मित मंदिर में विराजित मुख्य प्रतिमा कर्नाटक के मालूर में तैयार कराई गई है। श्याम पत्थर से बनी यह प्रतिमा काफी दर्शनीय है। इसके अलावा सफेद पत्थर की शृंगार प्रतिमा जयपुर में बनाई गई है। दाेनाें प्रतिमाओं के आज देश-विदेश से पहुंचे हजाराें समाज बंधुओं ने दर्शन किए।

*प्रतिष्ठा महाेत्सव की पूर्वसंध्या पर लाेकगायक प्रकाश माली ने बांधा समां*

प्राण-प्रतिष्ठा महाेत्सव के उपलक्ष्य में मंगलवार शाम आयाेजित भक्तिसंध्या के आयाेजन में राजस्थान के विख्यात लाेकगायक प्रकाश माली व साेनू कंवर ने कर्णप्रिय भजनाें की प्रस्तुति देकर माहाैल काे भक्तिमय कर दिया। पैलेस ग्राउंड स्थित प्रिसेंस श्राईन में आयाेजित इस भव्य भक्तिसंध्या में दाेनाें लाेकगायकाें ने एक से बढ़कर एक भजनाें की प्रस्तुतियां दी ताे हाॅल में माैजूद समाज बंधु भी मंत्रमुग्ध हाेकर झूमने पर मजबूर हाे गए। भजन संध्या में तपोवन गंगोत्री के महंत रामनारायण, राज्यसभा सांसद लहरसिंह सिरोया रहे मौजूद। सिरोया का भास्कर रत्न सुनील शर्मा ने माला एवं शॉल ओढ़ाकर किया स्वागत।
*देशभर के समाजबंधु बने भव्य आयाेजन के साक्षी*
इस पांच दिवसीय प्रतिष्ठा महाेत्सव में बेंगलुरु व चेन्नई के अलावा रायपुर, जयपुर, पूना, कोयम्बतूर, बीकानेर, फालना, पाली, जोधपुर, जलगांव, अहमदाबाद, कोलकाता व साेजत, जमशेदपुर, रांची, बालोतरा, कटक, पटना, रतलाम, इन्दौर व वाराणसी सहित देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं।
*यह अतिथि रहे माैजूद*
बुधवार काे आयाेजित प्रतिष्ठा महाेत्सव में जहां बेंगलुरु से तेजराज शर्मा व महासभा अध्यक्ष किशोर कुवेरा, भंवरलाल, महेंद्र शर्मा, सुरेश हटिला, सत्यनारायण शर्मा, दानमल भोजक, रमेश शर्मा के. जी.एफ., हरीश शर्मा भद्रावती, अशोक शर्मा, श्री निवास, चेतन शर्मा, विजयकुमार, धर्मेश भोजक, राजेश शर्मा, संदीप शर्मा, वीरेंद्र शर्मा, प्रसन्न शर्मा, जयंतीलाल, जेठमल, राकेश शर्मा, नरेंद्र शर्मा, अनिल, भूपेश कश्यप, हुकमचंद आदि माैजूद रहे। इस दाैरान देश-विदेश से पहुंचे समाज बंधुओं ने भगवान भास्कर का जयघाेष कर माहाैल धर्ममयी कर दिया।