दिव्य गीता सत्संग के महा संगम में परम् पूज्य महा मण्डलेश्वर गीता मनीषी “स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज” का बेंगलुरु में हुआ आगमन

बेंगलुरु में लगातार तीन दिन बहेगी गीता ज्ञान की बयार, गीता ज्ञान लेने पहुँच रहे हैं, सनातनी

हिन्द सागर, बेंगलुरु, सोमनाथ चौरसिया

फूलों की नगरी बेंगलुरु में श्री कृष्ण कृपा परिवार एवं जीओ गीता परिवार बेंगलूरू के संयुक्त तत्वावधान में भव्य एवं दिव्य गीता के कथा का आयोजन किया।

कार्यक्रम का शुरुआत दीप प्रज्वलन कर पूज्य गुरु जी के मुखार विंदु से भगवान श्री कृष्ण का सुंदर भजन “भज गोविंद- गोविंद गोपाला” का मधुर संगीत का प्रस्तुति हुआ, जिससे भवन में उपस्थित समस्त भक्तों ने भक्ति धुन में खूब गोता लगाया।

इस कथा में पुरुषोत्तम मास की महिमा का वर्णन किया, साथ में इस महीने में किया गया कोई भी धार्मिक अनुष्ठान और सत्संग करने का सुंदर वर्णन प्रस्तुत किया गया, इस माह में भगवान श्री कृष्ण के शरण में जाने मात्र से पापियों का भी उद्धार हो जाता है, ऐसा वर्णन श्री मदभागवत् गीता में उद्धृत है।साथ ही श्रीमद् भगवत् गीता के 23 दिसंबर 2023 को कुल 5160 वर्ष पूरे होने बात भी कही।भगवान के अनेक नामों में पुरुषोत्तम नाम भी है, जिसके कारण इस मास का हर पल लौकिक और भगवान का सेवा करने का पल होता है।

“साथ ही सत्संग से होगा तेरा उद्धार” नामक भजन से श्रोताओं को भक्ति गंगा में खूब नहलाया।मन संतुष्टि के ऊपर भगवान श्री कृष्ण और सुदामा चरित्र पर पर एक अद्भुत व्याख्या करते हुए गुरु जी स्वयं भाव-विभोर हो गये।मानव जीवन अत्यंत दुर्लभ है, की बात कहते हुए गुरु जी ने यह भी बताया कि गीता शांति से जीने, समाधान, मानव उत्थान, शांति से जीने का आधार बताती है, इसलिए प्रसन्न रहिए, सत्संग सुनते रहिए, आदि वचनों के साथ कथा का का समापन आरती से किया गया। इस लौकिक बेला में श्री कृष्ण कृपा परिवार और जीओ गीता परिवार के लोगों के साथ सैकड़ों की संख्या में भागवत प्रेमी उपस्थित रहे।