हिन्द सागर मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार का दूसरा कैबिनेट विस्तार पूरा होने के साथ ही, इसे लेकर चल रही अटकलों पर भी विराम लग गया है। कमलनाथ सरकार को सत्ता से बाहर कर शिवराज को फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाने में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को वादे के अनुरूप भाजपा ने मंत्रिमंडल में खासी तवज्जो दी है। मंत्रिमंडल विस्तार के पहले चरण में उनके खेमे के दो विधायकों को मंत्री बनाया गया था और अब सिंधिया समर्थक 12 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। मंत्रिमंडल विस्तार ने संकेत दे दिया है कि अब भाजपा में दादी की तरह ही ज्योतिरादित्य की भी मर्जी चलेगी।
माना जा रहा है कि जिस तरह वर्ष 1967 में डीपी मिश्र की कांग्रेसी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के बाद राजमाता विजयाराजे सिंधिया का जनसंघ और बाद में भाजपा में दखल बढ़ा था। ठीक उसी तरह अब ज्योतिरादित्य सिंधिया का भाजपा में न केवल प्रभाव बढ़ेगा, बल्कि उनकी मर्जी भी चलेगी। पार्टी से बगावत कर सिंधिया के साथ ही भाजपा में शामिल होने वाले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी कहते हैं कि भाजपा और सिंधिया अब एक ही हैं। जो भी मंत्री बने हैं, सब भाजपा के ही कार्यकर्ता हैं। अब कोई किसी खांचे में नहीं बंटा है और सबका नेता कमल का निशान है।
मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद राजभवन से बाहर निकलते हुए पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस पर जोरदार प्रहार करते हुए भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि न मुझे कमलनाथ जी से प्रमाण पत्र चाहिए और न ही दिग्विजय जी से। प्रदेश की जनता के सामने तथ्य हैं कि 15 महीनों में किस तरीके से इन्होंने प्रदेश का भंडार लूटा है। वादाखिलाफी का लोगों ने इतिहास देखा है। समय आएगा तो मैं जवाब दूंगा। मैं इन दोनों को केवल यही कहना चाहता हूं कि ‘टाइगर अभी जिंदा है’। मैं 3 महीने तक शांत रहा हूं, लेकिन कांग्रेस के लोग मेरी छवि धूमिल करते रहे हैं।