-
पलावा ब्रिज के उद्घाटन के कुछ घंटों बाद हुई ऐसी दुर्दशा, करना पड़ गया बंद , जिससे विपक्ष ने घटिया निर्माण और जल्दबाजी के आरोप लगाए ।
-
मनसे और ठाकरे गुट ने जांच की मांग ।
डोंबिवली : ठाणे जिले के कल्याण-शील रोड पर स्थित पलावा ब्रिज का उद्घाटन 4 जुलाई को विधायक राजेश मोरे और शिवसेना (शिंदे गुट) के चुनिंदा कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में एक सादे समारोह में किया गया. करीब 40 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल को स्थानीय यातायात की समस्या का समाधान बताकर प्रचारित किया गया था । हालांकि, उद्घाटन के महज दो घंटे बाद ही पुल को बंद करना पड़ा. वजह थी – पुल पर फिसलन की स्थिति और कुछ छोटी दुर्घटनाओं की खबरें. इसके बाद बारीक बजरी बिछाकर पुल को दोबारा खोला गया, लेकिन तब तक विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया था । महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और ठाकरे गुट की शिवसेना ने पुल को अधूरा और घटिया निर्माण का उदाहरण बताते हुए सत्ताधारी शिंदे गुट पर हमला बोला. मनसे नेता और पूर्व विधायक प्रमोद रतन पाटिल ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें बारिश के चलते पुल पर बने गड्ढे और बहती बजरी नजर आई. उन्होंने कहा, “यह क्या बकवास है? गंदाभाई!” इस हमले के जवाब में शिंदे गुट ने एक और वीडियो जारी किया, जिसमें पुल पर सामान्य ट्रैफिक दिखाया गया. विधायक राजेश मोरे ने कहा कि यह पुल सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे के प्रयासों से बना है और इसका उद्देश्य क्षेत्र की ट्रैफिक समस्या को कम करना है. उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, “हम सिर्फ ट्वीट नहीं करते, हम ज़मीनी काम करते हैं.” ठाकरे गुट के नेता दीपेश म्हात्रे ने आरोप लगाया कि उद्घाटन के बाद कई लोग फिसलकर घायल हुए. उन्होंने डीसीपी को ज्ञापन सौंपकर दोषियों पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की. उनका कहना था कि बिना सुरक्षा मानकों की पुष्टि किए पुल खोलना लापरवाही है । यह पुल आठ वर्षों से निर्माणाधीन था, जिसकी वजह से कल्याण-शील रोड पर यातायात में भारी समस्या बनी हुई थी. विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए बिना पुल की पूर्ण सुरक्षा और गुणवत्ता की जांच किए उद्घाटन कर दिया गया है ।