बिल्किस बानो मामले में गुजरात सरकार का सुप्रीम कोर्ट में जवाब, दोषियों को अच्छे व्यवहार के चलते छोड़ा

हिन्द सागर, एजेंसी संवाददाता: गुजरात सरकार ने बिल्किस बानो मामले में 11 दोषियों को रिहा करने के अपने फैसले का सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बचाव किया। कहा कि उन्हें छूट इसलिए दी गई, क्योंकि उन्होंने जेल में 14 साल की सजा पूरी कर ली है और उनका ”व्यवहार अच्छा पाया गया।”राज्य सरकार ने कहा कि उसने 1992 की नीति के अनुसार सभी 11 कैदियों के मामलों पर विचार किया है।

इन कैदियों को 10 अगस्त, 2022 को रिहा किया गया।

केंद्र सरकार ने भी दी थी दोषियों की रिहाई को मंजूरी

जवाब में कहा गया कि केंद्र सरकार ने भी दोषियों की समय पूर्व रिहाई को मंजूरी दी थी। गुजरात सरकार के अनुसार, आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जिन कैदियों को रिहा किया गया, बिल्किस बानो के दोषियों का मामला उनसे जुड़ा हुआ नहीं है। प्रेट्र के अनुसार, गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता खुद पीड़ित नहीं हैं। दोषियों की रिहाई को जिन लोगों ने चुनौती दी है, उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

SC में लगाई गई थी जनहित याचिका

सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि चूंकि इस मामले की जांच सीबीआइ ने की थी, इसलिए राज्य सरकार ने रिहाई से पहले केंद्र से भी मंजूरी ले ली थी। माकपा नेता सुभाषिनी अली, स्वतंत्र पत्रकार रेवती लाल और लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व वीसी रूपरेखा वर्मा की जनहित याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में गुजरात सरकार ने यह बात कही।