बलात्कार के एक मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला:

(धन्नाराम चौधरी)
हिन्द सागर कर्नाटक। कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक महिला फरियादी के अटपटे बयान से सहमत नहीं होने पर न्याय की गरिमा को महत्व देते हुए आरोपी पुरुष की अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर जमानत दे दिया। फरियादी महिला ने अपने बयान में कहा कि बलात्कार के बाद मै थककर सो गई थी।
ज्ञात हो कि कर्नाटक हाईकोर्ट कोर्ट ने बलात्कार के आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बलात्कार के बाद सोना भारतीय महिलाओं का आचरण नहीं है। दरअसल, महिला ने उस युवक पर आरोप लगाते हुए कहा कि शादी का झूठा झांसा देकर युवक ने रेप किया और बाद मे शादी से मुकर गया। जस्टिस कृष्णा एस. दीक्षित ने उसके इस बयान पर आपत्ति जताते हुए याचिकाकर्ता को एक लाख रुपये की जमानत राशि और छह शर्तों के साथ जमानत दे दिया और साथ ही आरोपी को महीने के हर दूसरे और चौथे शनिवार को पुलिस स्टेशन को रिपोर्ट करने का आदेश दिया। जज शिकायतकर्ता के इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं थे कि वो रेप के बाद थककर सो गई थी।
जमानत के आदेश के साथ ही जज ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला ये समझाने में असफल रही कि वो कथित वारदात वाले दिन रात में 11 बजे अपने ऑफिस क्या करने गई थी और आरोपी के साथ शराब पीने पर किसी तरह की आपत्ति क्यों नहीं जताई।

फरियादी के वकील का तर्क

शिकायतकर्ता के वकील ने इस जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपियों पर लगाए गए अपराध गंभीर हैं, और इसे साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए गए हैं। उन्होंने अपराधी की अग्रिम जमानत को ‘समाज के लिए असुरक्षित’ बताते हुए उसकी याचिका खारिज करने की मांग की।

जज की प्रतिक्रिया
शिकायतकर्ता के वकील के तर्क पर जज ने कहा कि अपराध की ‘गंभीर प्रकृति’ नागरिक को स्वतंत्रता से वंचित करने आधार नहीं हो सकता है। खासकर तब जब पुलिस द्वारा कोई ‘प्रथम दृष्टया’ मामला ना बनाया गया हो। जज ने कहा, ‘शिकायतकर्ता का कहना है कि शादी का झूठा वादा कर उसके साथ रेप किया गया लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए इस मामले पर पूरा विश्वास करना थोड़ा मुश्किल है। साथ ही जज ने कहा, ‘महिला ने ये नहीं बताया कि वो रात 11 बजे अपने ऑफिस क्या करने गई थी, उसने याचिकाकर्ता के साथ शराब पीने और सुबह तक साथ रहने पर भी किसी तरह की आपत्ति नहीं की और इसके बाद यह स्पष्टीकरण दिया कि बलात्कार के बाद वो थक कर सो गई थी। महिलाओं के साथ जब बलात्कार होता है, तब वो ऐसी प्रतिक्रिया नहीं देती हैं।