मीरा भायंदर मनपा पत्रकार कक्ष पर तथाकथित पत्रकारों का कब्जा

व्यक्तिगत संस्था द्वारा मनपा पत्रकार कक्ष के पते का इस्तेमाल कर अवैध वसूली किया जा रहा

“मिराभाईंदर महानगरपालिका वार्ताहार संघ” गैर पंजिकृत संस्था है

मिराभाईंदर महानगरपालिका वार्ताहार संघ का स्थापना वर्ष 2002 से अभी इस वर्ष 2020 तक आँडिट नहीं कराया गया है

मिराभाईंदर महानगरपालिका वार्ताहार संघ का बैंक खाता फर्जी एफ.आई.आर (दस्तावेज गुम हो जाने का एफ.आई.आर) दर्ज करके खुलवाया गया है। जबकि संस्था पंजिकृत ही नहीं है।

मनपा के अधिकारियों का भ्रष्टाचार छुपा रहे इसलिए नही हटाया जा रहा पत्रकार कक्ष से अवैध कब्जा

चतुर्भुजा शिवसागर पाण्डेय
हिन्द सागर भायंदर। मीरा भाईंदर महानगरपालिका मुख्यालय के तल मजले में पत्रकारों के लिए एक पत्रकार कक्ष बनाया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य पत्रकारों द्वारा जनता और सरकार के बीच संपर्क स्थापित करना तथा समाचार संकलन करना था। इसलिए पत्रकारों को मीरा भायंदर मनपा मुख्यालय में एक विशेष कक्ष दिया गया। इस पत्रकार कक्ष मे सुविधा हेतु सूचनाओं के आदान-प्रदान तथा पत्रकारिता से संबंधित वस्तुएं रखने के लिए लाँकर, ए. सी, टेबल- कुर्सी, वाईफाई तथा सिपाही के साथ महाराष्ट्र मे प्रकाशित किए जाने वाले सभी हिन्दी, मराठी तथा अंग्रेजी समाचारपत्रो के पढने का खर्च भी मनपा द्वारा किया जाता है।

पत्रकार कक्ष पर अवैध कब्जा
अब हाल यह है कि मनपा पत्रकार कक्ष पर एक व्यक्तिगत संस्था “मीरा भायंदर महानगरपालिका वार्ताहार संघ” के कुछ तथाकथित पत्रकारों ने कब्जा कर लिया है। इस पत्रकार कक्ष में उनके नाम का बोर्ड फलक तथा कार्यकारिणी की सूचना पट्टीकाएं भी लगी हुई है। उन्हीं के कुछ सदस्यों तथा चटुकार मित्रों के पास लाँकर की चाँभीया भी है। इस संस्था के सदस्यों द्वारा लाँकर का उपयोग दलाली की फाइल व व्यक्तिगत वस्तुओं को रखने के काम मे लाया जाता है। इसी तरह यहाँ पर होने वाले प्रेस कांफ्रेंस का पैसा वसूला जाता है। और उसी पैसे से शाम को तथाकथित मंडली के लोग भोग-विलास (रात की पार्टी) करते हैं।

मनपा पत्रकार कक्ष के पते का गैर – इस्तेमाल
इस संस्था के लोग शहर मे चल रहे गैर व्यवहारिक कार्यों की वसूली के लिए भी मीरा भायंदर मनपा पत्रकार कक्ष के पत्ते का इस्तेमाल करते हैं।

ज्ञात हो कि एक आरटीआई द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार यह पता चला है कि “मीरा भायंदर महानगर पालिका वार्ताहार संघ” नामक संस्था का पंजीकरण ही नहीं हुआ है।

18 वर्षों से नहीं किया जा रहा है आडिट
इस संस्था का जब से स्थापना हुआ तब से आज तक कोई ऑडिट नहीं किया गया है। इस संस्था को “मीरा भाईंदर महानगर पालिका” का नाम उपयोग में न लाने के लिए कई बार र नोटिस दिया जा चुका है। मनपा आयुक्त के पास इस संस्था के खिलाफ कई दर्जन पत्रकारों ने शिकायत भी किया हैं। फिर भी मनपा पत्रकार कक्ष से इस तथाकथित पत्रकार मंडली का कब्जा हटाने की हिम्मत किसी अधिकारी ने नहीं दिखाई।

समय-समय पर निम्नलिखित पत्रकारों व संस्थानों ने किया शिकायत-
1- राजेश म. जाधव (संपादक- मिशन जनकल्याण) ने आयुक्त को दिनाँक 18 सितंबर 2012 को शिकायत किया था।
2- कमल दधीच (संपादक थाने की आवाज) ने आयुक्त से दिनांक 17 दिसंबर 2013 को शिकायत किया था।
3- एस.आर. तिवारी (संपादक- बजरंग प्रहार) के प्रधान सचिव नगर विकास नगर विकास विभाग, आयुक्त, मुख्यमंत्री को दिनांक 3 जनवरी 2014, 2 जनवरी 2014, 31 दिसंबर 2013 तथा 30 दिसंबर 2013 को शिकायत किया गया था।
4- किशोर एल सामंत अधिवक्ता हाई कोर्ट द्वारा आयुक्त को दिनांक 27 दिसंबर 2013 को शिकायत किया गया था।
5- मीरा भायंदर शहर पत्रकार संगठन के अध्यक्ष द्वारा 20/12/2013 को आयोग को शिकायत पत्र दिया गया था।
6- धीरज परब ने प्रधान सचिव नगर विकास विभाग मंत्रालय मे दिनाँक 06 मई 2013 को शिकायत किया था।
7- धीरज रमेश परब ने दिनाँक 27 जून 2014 को श्रीकांत सिंह (प्रधान सचिव- नगर विकास, मंत्रालय) को शिकायत किया था।

8- धीरज परब (अध्यक्ष- मिराभाईंदर पत्रकार संघ) ने दिनाँक 12 मई 2014 को मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान को शिकायत किया था।

9- धीरज परब (अध्यक्ष- मिराभाईंदर पत्रकार संघ) 20 फरवरी 2015 को आयुक्त- मिराभाईंदर महानगर पालिका को शिकायत किया था।

10- धीरज परब (पत्रकार) ने 02 मार्च 2016 को आयुक्त को शिकायत किया था।
4) भारतीय अंशकालिक पत्रकार की तरफ से महाराष्ट्र प्रभारी राजदेव तिवारी (संपादक- भाईंदर सत्ता) ने दिनाँक 24 दिसम्बर 2013 को आयुक्त को शिकायत किया था।
11- सुभाष मुरलीधर पाण्डेय (संपादक- क्राइम फेस) ने दिनाँक 29 मार्च 2011 को शिकायत किया था।
12- नामदेव काशिद (संपादक- शिवमावला) ने दिनाँक 22 जनवरी 2014 को आयुक्त को शिकायत किया था।
13) राघवेंद्र दूबे (संपादक- खुशबू उजाला) ने दिनाँक 05 फरवरी 2014 को आयुक्त को शिकायत किया था।
14) मिड मार्निग(संपादक- राजेश सिंह) ने दिनाँक 02 जून 2017 को शिकायत किया था।

मनपा अधिकारियों का भ्रष्टाचार छुपा रहे इसलिए नही हटाया जा रहा पत्रकार कक्ष से अवैध कब्जा
इन तथाकथित पत्रकारों द्वारा इस तरह पत्रकार कक्ष पर कब्जा किए जाने से ऐसा प्रतीत होता है कि मनपा अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार कहीं उजागर न हो जाए इस डर से मनपा अधिकारी भी इनके अवैध कब्जे पर कार्यवाई नही करना चाहते है।
किसी प्रशासनिक भवन का उपयोग अवैध कब्जा जमाकर कोई व्यक्तिगत संस्था करें इससें बड़ी विडंबना की बात क्या होगी ? मनपा के अधिकारी गरीबों के झोपडो पर बडी कार्यवाई कर खुद को इमानदार साबित करने में लगे रहते हैं। वही अधिकारी अपने ही प्रशासनिक भवन पर हुए अवैध कब्जे को हटाने में नाकाम साबित हो रहे है। कुछ चंद तथाकथित पत्रकारों के इशारों पर ही मनपा अधिकारी कठपुतली बने हुए हैं। जब मनपा अपने पत्रकार कक्ष से अवैध कब्जा नहीं हटा सकती तो वह शहर को “स्वच्छ सुंदर, मिराभाईंदर” कैसे बनाएगी।