राजद से पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे पर प्रतिक्रया देते हुए जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि बिहार के सम्मान की बात करने वाला राजद रघुवंश बाबू जैसे धरोहर का भी सम्मान नहीं कर सका। रघुवंश बाबू बिहार के एक सम्मानित समाजवादी नेता हैं।
ललन सिंह ने कहा कि आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी पार्टी को त्यागने के लिए रघुवंश बाबू को सलाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि धन की उगाही और टिकट बेचने वाली पार्टी किसी धरोहर का सम्मान कर भी नहीं सकती। वैसी पार्टी में किसी को सम्मान मिलेगा यह सोचना भी बेमानी है।
रघुवंश प्रसाद सिंह लोजपा के पूर्व सांसद रामा सिंह के राजद में लाने के प्रयास से खफा थे। पहली बार जब रामा सिंह ने खुद राजद ज्वॉइन करने की घोषणा की तो रघुवंश प्रसाद ने राजद के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। तब उन्होंने कहा था कि अस्पताल से बाहर निकलने के बाद राजनीति पर चर्चा होगी। लेकिन बाहर आने के बाद एक बार फिर वह बीमार हो गये और उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती करना पड़ा।
राजद का कोई भी नेता रघुवंश बाबू के इस्तीफे पर बोलने को तैयार नहीं है। वरीय नेताओं के मोबाइल ऑफ हो गये तो प्रवक्ताओं ने भी किसी प्रकार की टिप्पणी से इनकार कर दिया। इससे लगता है कि पार्टी रघुवंश बाबू को मनाने में अभी लगी हुई है।
रघुवंश प्रसाद लालू प्रसाद के बड़े पुत्र विधायक तेजप्रताप यादव की उस टिप्पणी से भी नाराज थे, जिसमें उन्होंने राजद को समुद्र और रघुवंश बाबू को उसका एक लोटा पानी बताया था। हालांकि लालू प्रसाद की फटकार के बाद तुरंत तेज प्रताप संभल गये और दूसरे दिन उन्होंने रघुवंश प्रसाद को अपना अभिभावक बताया था।
कोरोना पॉजिटिव होने के बाद रघुवंश प्रसाद पटना एम्स में भर्ती हुए थे। इस दौरान पता चला कि उनके प्रबल प्रतिद्वंद्वी रामा सिंह को राजद में लाने की तैयारी कर ली गई है। इससे बुरी तरह आहत रघुवंश प्रसाद ने अस्पताल से ही अपने पद से लालू को इस्तीफा भेज दिया। बाद में पटना एम्स से निकलकर दिल्ली एम्स पहुंचे और पिछले करीब महीने भर से वहीं इलाज करा रहे हैं। बुधवार को तबीयत बिगडऩे के बाद उन्हें आइसीयू में भर्ती कराया गया था। इसबार भी उन्होंने अस्पताल से ही पार्टी को भी अलविदा कह दिया।