राजस्थान: बागी विधायकों की वापसी हो सकती है भाजपा में

विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से भाजपा से बगावत कर पार्टी से बाहर निकलने वाले नेताओं की वापसी वापसी के लिए जमीन तैयार की जा रही है। इस कड़ी में पहले घनश्याम तिवाड़ी और मानवेंद्र सिंह का नाम सामने आया था, लेकिन अब इस सूची में दो पूर्व मंत्रियों का नाम भी जुड़ गया है। इनमें वसुंधरा सरकार में मंत्री रही ऊषा पूनिया और सुरेंद्र गोयल का नाम शामिल हैं।

इन दोनों नेताओं ने पिछले दिनोंपूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात की थी। उसके बाद इन दोनों नेताओं के भी कांग्रेस छोड़कर वापस बीजज का दामन थामने की अटकलें तेज हो गई है। इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस का दामन तो थामा, लेकिन ये कभी पार्टी के किसी मंच पर नजर नहीं आए. सुरेंद्र गोयल ने विधानसभा चुनाव-2018 में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनकी मुलाकात काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कयास लगाये जा रहे हैं कि जल्द ही उनकी घर वापसी हो सकती है।

वहीं दिग्गज जाट नेत्री ऊषा पूनिया ने भी हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनके निवास में पहुंचकर मुलाकात की थी। उसके बाद सियासत में इस बात की चर्चा तेजी से उठी है कि राजे के जरिए पूनिया की पार्टी में वापसी हो सकती है। ऐसा होता है तो राजे अपने घोर विरोधी आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल के खिलाफ पार्टी में ऊषा पूनिया और उनके पति विजय पूनिया को मजबूती से खड़ा कर सकती हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि पूर्व में ऊषा पूनिया ने विधानसभा के चुनाव में मूंडवा में हनुमान बेनीवाल को शिकस्त दी थी। हनुमान बेनीवाल अभी बीजेपी में आरएलपी पार्टी के सहयोगी के तौर पर रहते हुए भी वसुंधरा राजे के खिलाफ खुलकर बोलते हैं।