झांसी: 22 संविदा शिक्षकों की सेवा समाप्त, नाराज टीचर्स ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन

प्रदर्शनकारी शिक्षिकाओं का कहना है कि हर साल अनुमोदन होता था. लेकिन 6 सितंबर को एक आदेश करके बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी की संविदा खत्म कर दी और उस संबंध में विभाग की ओर से पूर्व में उन्हें कोई सूचना भी नहीं दी गई. 

झांसी: उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में संविदा पर तैनात 22 शिक्षक और शिक्षिकाओं की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. नौकरी जाने से नाराज शिक्षिकाओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और उन्होंने कहा कि बिना कोई सूचना के उनकी संविदा समाप्त कर दी गई हैं, जिस पर तुरंत रोक लगाई जाए.

सभी शिक्षकों की कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पार्ट टाइम और फुल टाइम टीचर के रूप में संविदा पर नियुक्ति हुई थी. प्रदर्शनकारी शिक्षिकाओं का कहना है कि हर साल अनुमोदन होता था. लेकिन 6 सितंबर को एक आदेश करके बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी की संविदा खत्म कर दी और उस संबंध में विभाग की ओर से पूर्व में उन्हें कोई सूचना भी नहीं दी गई. कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर शिक्षकों ने मांग की है कि संविदा खत्म करने के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए और सभी 22 टीचरों का नवीनीकरण किया जाए.

बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिवंश कुमार ने बताया कि शासन के निर्देश पर असंगत विषय पद वाले 22 शिक्षकों का संविदा विस्तार नहीं किया गया है. लंबे वक्त पहले पति को खो चुकी शिक्षिका अर्चना त्रिपाठी की मुसिबतें अब और बढ़ गई हैं. उनका बच्चा मानसिक रूप से बीमार है, जिसका इलाड नागपुर में चल रहा है. संविदा समाप्त होने पर अर्चना त्रिपाठी ने कहा कि अचानक नौकरी से बेदखल कर दिया गया है. समझ नहीं आ रहा है कि कैसे घर चलाऊंगी और कैसे बच्चे का इलाज हो पाएगा.