हिन्द सागर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक डॉक्टर ने अपनी कुर्सी ऑफर नहीं की तो सदर एसडीएम स्वाति शुक्ला भड़क गईं. उन्होंने सीएमएचओ को फोन कर कहा कि डॉक्टर को शिष्टाचार सिखा दीजिए. साथ ही उन्होंने इस मामले की लिखित रूप से डीएम को रिपोर्ट भेजने की भी बात कही।
अब इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.
अपनी सफाई में एसडीएम ने अस्पताल में भर्ती एक पीड़िता का बयान लेने और उपचार के निर्देश देने की बात कही. वहीं, मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल ने महिला अधिकारी को शिष्टाचार में रहने की सलाह दी है.
दरअसल, बीती रात एक युवती द्वारा जहर खाने के मामले में सदर SDM स्वाति शुक्ला बयान दर्ज करने मेडिकल कॉलेज पहुंची थीं. बताया जा रहा है कि अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात मेडिकल ऑफिसर डॉ. चंद्रकांत ने एसडीएम को अपनी कुर्सी ऑफर नहीं की. इस बात पर वह आगबबूला हो गईं.
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महिला अफसर ने तुरंत सीएमओ को फोन कर खरी-खोटी सुना दी. इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वह कहती नजर आईं कि ”यह चंद्रकांत किस पोस्ट पर है, इनसे तो मैं बात ही नहीं करूंगी और अगर अगली बार ऐसे बात करी तो खिंचवाकर थाने में बैठवा दूंगी.”
उधर, मेडिकल कॉलज की प्राचार्य ने एसडीएम को शिष्टाचार में रहने की बात याद दिलाई है. फिलहाल सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद दोनों तरफ से मामले को शांत करने का प्रयास किया जा रहा है.
SDM बोलीं- मैं चाहती थी कि बच्ची को मेडिकल अटेंशन अच्छे से मिले
इस मामले में SDM स्वाति शुक्ला बोलीं- मुझे पता चला कि एक बच्ची ने जहर खा लिया है तो मैं तुरंत अस्पताल पहुंची. पीड़िता की हालत गंभीर बताई गई. मैं चाहती थी कि बच्ची को मेडिकल अटेंशन अच्छे से मिले. इसके अलावा अगर ऐसा लगता है कि वह जीवित नहीं रह पाएगी तो उसका डाईंग डिक्लेरेशन लेना था. जब वहां पहुंची तो ट्रीटमेंट वगैरह चल रहा था. डॉक्टर को एकदम अलर्ट कर दिया कि बहुत अच्छे से ट्रीटमेंट हो, उसकी जान बच सके. बाकी जो बयान दिए, उसको भी मैंने नोट कर लिया. लापरवाही न बरती जाए, इसके लिए कहा गया.
प्रिंसिपल बोलीं- कुर्सी की बात को लेकर कुछ गर्म हो गया था माहौल
मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. वाणी गुप्ता ने कहा कि मेरे संज्ञान में यह मामला आया है. एक लड़की जिसने जहर खा लिया था, उस संबंध में सीओ और एसडीएम बयान लेने आई थीं, उसी समय डॉ. चंद्र प्रकाश राउंड लेकर आए और अपने चेंबर में घुसने के बाद अपनी चेयर पर बैठ गए. शायद इसी बात को लेकर वहां कुछ गर्म माहौल हो गया था.
डॉ. गुप्ता ने कहा कि अगर हम किसी भी ऑफिसर या किसी भी कर्मचारी के चेंबर में जाते हैं तो हम उसकी कुर्सी पर नहीं बैठ सकते, न ही वह ऑफर करेगा. हमको वह आपको कोई दूसरी कुर्सी ऑफर कर सकता है. आप उसके कमरे में बैठकर चाय पी सकते हैं, आप उसकी चेयर पर नहीं बैठ सकते. जहां तक मुझे लगता है कि डॉ. चंद्रप्रकाश ने कोई ऐसी गलती नहीं की. सभी ऑफिसर को एक दूसरे का आदर करनी चाहिए. उम्मीद करते हैं कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.