1 अक्टूबर को होगा नेचुरल गैस की कीमतों में बड़ा संशोधन, बढ़ सकते हैं सीएनजी तथा पीएनजी के दाम

हिन्द सागर, संवाददाता: एक अक्टूबर को नेचुरल गैस की कीमतों में संशोधन किया जाना है. जिससे इस बार भी कीमत में बढ़ोत्तरी की संभावना है. सूत्रों के अनुसार इस सप्ताह में होने वाली समीक्षा बैठक के बाद नेचुलरल गैस का भाव रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच सकता है.

नेचुरल गैस का इस्तेमाल सीएनजी और पीएनजी गैस बनाने में किया जाता है. इसके अलावा बिजली उत्पादन, फर्टिलाइजर में भी इसका इस्तेमाल होता है. कीमत में बढ़ोत्तरी से ये सब कुछ महंगे होने का उम्मीद है. इससे पहले 1 अप्रैल को कीमत दोगुनी से ज्यादा 6.10 डॉलर प्रति यूनिट कर दी गई थी. बता दें कि नेचुरल गैस की कीमतों में संशोधन के बाद CNG, PNG और फर्टिलाइजर की कीमत बढ़ सकती है, जिससे लोगों को अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी.

देश में उत्पादित गैस का दाम सरकार तय करती है. एक साल में दो बार इसकी कीमत में संशोधन किया जाता है. एक बार कीमत में संशोधन एक अप्रैल को होता है और दूसरी बार संशोधन एक अक्टूबर को होता है. हाल के महीनों में एनर्जी की कीमत में आए उछाल को जोड़ने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) के पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की जाने वाली दर 6.1 डॉलर प्रति इकाई (मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) से बढ़कर 9 डॉलर प्रति इकाई पर पहुंच सकती है. यह नियमन वाले क्षेत्रों के लिए अबतक की सबसे ऊंची दर होगी. कठिन क्षेत्र से उत्पादित नैचुरल गैस की कीमत 12 डॉलर mmBtu हो सकती है. वर्तमान में यह 9.92 डॉलर प्रति यूनिट है.

हर छह महीने में होता है संशोधन

इंटरनेशनल मार्केट में कीमत में उछाल के बीच अप्रैल 2019 के बाद से नेचुरल गैस की कीमत में यह तीसरी बढ़ोत्तरी है. सरकार प्रत्येक छह महीने (एक अप्रैल और एक अक्टूबर) में गैस के दाम तय करती है. यह कीमत अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस सरप्लस वाले देशों की पिछले एक साल की दरों के आधार पर एक तिमाही के अंतराल के हिसाब से तय की जाती है.

बता दें कि ऐसे में एक अक्टूबर से 31 मार्च 2023 तक के लिए गैस का दाम जुलाई 2021 से जून 2022 की कीमत के आधार पर तय किया जाएगा. उस समय गैस कीमतें ऊंचाई पर थीं. सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित नेचुरल गैस के मूल्य की समीक्षा का फॉर्मूला तय करने के लिए एक समिति का गठन किया था. समिति के समक्ष यह मुद्दा लंबित होने की वजह से यह व्यावहारिक वजह होगी कि एक अक्टूबर को गैस के दामों में संशोधन नहीं किया जाए.

समिति जल्द सौंपेगी अपनी रिपोर्ट

पेट्रोलियम मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारेख की अध्यक्षता वाली समिति को अंतिम उपभोक्ता के लिए गैस के उचित मूल्य का सुझाव देने को कहा गया है. सूत्रों के अनुसार इस समिति में गैस उत्पादक संघों और ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड के प्रतिनिधि शामिल हैं. समिति को अपनी रिपोर्ट इस महीने के अंत तक देने को कहा गया है, लेकिन इसमें देरी हो सकती है. समिति में निजी गैस ऑपरेटरों का एक प्रतिनिधि तथा सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और फर्टिलाइजर मिनिस्ट्री का भी एक-एक प्रतिनिधि शामिल है.