हिन्द सागर, संवाददाता: भूकंप के बाद महाराष्ट्र सरकार ने 40 करोड़ की लागत से घर बनाए थे, उनमें से ज्यादातर लंबे समय से अनुपयोगी खंडहर की स्थिति में थे। असामाजिक गतिविधियों के मुद्दे पर पुलिस काफी देर तक चुप रही।
कच्छ में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भचाऊ तालुका का वोंध गांव तबाह हो गया था, महाराष्ट्र सरकार बचाव में आई और लोगों को रहने में मदद की।इसके लिए 40 करोड़ की लागत से लगभग 850 घर बनाए गए। चूंकि अधिकांश घर लंबे समय से बंद थे, इसलिए प्रतिभागियों द्वारा छत की सलाखों, खिड़कियों और दरवाजों को धीरे-धीरे चुरा लिया गया। एक तस्वीर सामने आई है कि आधे घरों में हुई तस्करी को लेकर पुलिस भी रहस्यमयी चुप्पी साधे हुए है।
कुछ मकान मालिक व्यवसाय के लिए राज्य छोड़कर चले गए नवनिर्मित गांव को गोद लेने के बाद नवनिर्मित मकानों को हितग्राहियों को कब्जा दे दिया गया लेकिन कुछ लोग कब्जा लेने के बाद रहने नहीं आए, कुछ मकान मालिक व्यवसाय के लिए राज्य छोड़कर चले गए। इस प्रकार, तस्करों ने लंबे समय से बंद घरों पर नाटक करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे छत से छड़, खिड़कियां और दरवाजे सहित चीजें चुरा लीं।
अब तक एक करोड़ का लोहा चोरी हो चुका है अगर हम गणना करें कि एक घर से लगभग 800 से एक हजार किलो लोहा निकलता है, तो अब तक एक करोड़ का लोहा चोरी हो गया होगा। कुछ जागरूक लोग कह रहे हैं कि अगर पुलिस इस दिशा में बिना शर्म के किसी से भी पूछताछ करे तो बड़े लोगो के नाम सामने आ सकते हैं। नुकसान पहुंचाने वाले 7 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है 60 वर्षीय देवराजभाई खिमजीभाई पटेल, जो मुंबई में रहते हैं और भचाऊ तालुका पंचायत के सदस्य के रूप में काम करते हैं और वोंधी में एक पुलिसकर्मी ने एक बंद की छत और दीवार को तोड़ दिया वोंधी कॉलोनी में घर और 20,000 रुपये का नुकसान हुआ।
शामजी गणेश गोहिल, प्रवीण मंजी गोहिल।, अशोक जेठा वाघेला, मुन्ना जेरम कोली, अधम केरई और अरविंद शंभू कोली के दो भतीजों ने भचाऊ थाने में सात के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया। पीएसआई के.एन. आगे की जांच की जा रही है। जिन्हें जरूरत है उन्हें घर दें।
हालांकि फकीरानी जाट की तीसरी पीढ़ी गांव में रहती है, लेकिन उनके पास कोई घर नहीं है। इस बारे में खुद आदमभाई ने कहा कि कई परिवार ऐसे हैं जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है। दरअसल ऐसे जरूरतमंद लोगों को ही घर मुहैया कराना जरूरी है।