कोरोना दवाई को लेकर आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने पतांजलि को भेजा नोटिस

कोरोना दवाई को लेकर आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने पतांजलि को भेजा नोटिस

★ आयुष मंत्रालय ने बढा़ई बाबा रामदेव की मुश्किलें

★ सर्दी-खांसी की दवा के लाइसेंस पर कोरोना की दवाई बनाने का आरोप

चतुर्भुजा शिवसागर पाण्डेय

हिन्द सागर मुम्बई: बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि द्वारा हाल ही में कोरोना वायरस की दवाई बाजार में उतारा गया है। पंतजलि की यह दवाई बाबा रामदेव के लिए उस कहावत जैसी है जिसको “सर मुडते ही ओले पडे” कहा जाता है। पतंजलि द्वारा निर्मित कोरोना वायरस के लिए कोरोनिल दवाई लॉन्च होते ही विवादों में घिर गई है। बुधवार को बाबा रामदेव की दवा को एक और झटका लगा है। इस बार उत्तराखंड की आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने बाबा की दवा पर सवाल उठाया है। वहीं मंगलवार को स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा दवाई लॉन्च किए जाने के बाद भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने दवाई के प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी थी।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अथॉरिटी के उपनिदेशक यतेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को कोरोना की दवा के लिए नहीं बल्कि इम्युनिटी बूस्टर और खांसी-जुकाम की दवा के लिए लाइसेंस जारी किया गया था।
लेकिन उन्होंने बिना जाँच पडताल के ही कोरोना के दवाई का प्रचार प्रसार शुरू किया है।

पतंजलि को नोटिस जारी

अथॉरिटी के उपनिदेशक रावत ने बताया कि भारत सरकार का निर्देश है कि कोई भी आयुष मंत्रालय से वैधता मिले बिना कोरोना के नाम पर दवा बनाकर उसका प्रचार-प्रसार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि फिलहाल, विभाग की ओर से पतंजलि को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।
ज्ञात हो कि योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने के दावे के साथ ही दिव्‍य कोरोनिल टैबलेट’ (Divya Coronil Tablet) नाम की दवा मंगलवार (23 जून) को बाजार में उतारा था।
इस मुद्दे पर बात करते हुए आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने बुधवार को कहा कि ”यह अच्छी बात है कि बाबा रामदेव ने देश को एक नई दवा दी है, लेकिन नियम के अनुसार, पहले जांच के लिए उसे आयुष मंत्रालय में आना चाहिए।

जांच-पड़ताल होने तक दवाई के प्रचार पर रोक
पतंजलि द्वारा कोरोना किट लॉन्च करने के कुछ घंटे बाद ही 23 जून को आयुष मंत्रालय ने कहा कि पतंजलि को इस औषधि में मौजूद विभिन्न घटकों की मात्रा एवं अन्य ब्यौरा यथाशीघ्र उपलब्ध कराना होगा। आयुष मंत्रालय ने विषय की जांच-पड़ताल होने तक कंपनी को इस उत्पाद का प्रचार भी बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही उस आदेश मे पतंजलि को नमूने के आकार, स्थान एवं उन अस्पतालों का ब्यौरा देने को कहा, जहां अनुसंधान अध्ययन किया गया है, तथा संस्थागत नैतिकता समिति की मंजूरी भी दिखाने को कहा गया है।