लिंगराजपुरम बडेर में श्रद्वा व भक्तिभाव से मनाया आईमाता का 607वाँ अवतरण दिवस
हिन्द सागर,बेंगलूरू:सीरवी सेवा संघ लिंगराजपुरम की ओर से श्री आईमाताजी का 607वाँ अवतरण दिवस भादवी बीज महोत्सव सोमवार को संघ भवन में श्रद्धा व भक्ति भाव के साथ मनाया गया। महिलाओं ने मंगल गीत गाये गये। दिन भर आईमाता मंदिर में माताजी के दर्शन व पूजन के लिए श्रद्धालुओं के आगमन का सिलसिला जारी रहा। भादवी बीज के उपलक्ष्य में रविवार की रात सत्संग व भजन-कीर्तन कार्यक्रम में भजन गायक नारायणलाल चोयल, जोगाराम परिहार एवं सत्तु पंवार आदि ने माताजी के एक से बढ़कर एक सुमधुर भजनों की प्रस्तुति देकर भक्तिरस की मंदाकिनी। सहसचिव जुगराज चोयल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को प्रात:काल 9.15 बजे मंदिर के पुजारी नेमाजी महाराज ने विधि विधानपूर्वक हवन अनुष्ठान कराया। इसके पश्चात आईमाता की पूजा-अर्चना, स्तुति व मंगल आरती के साथ विशेष आमसभा की कार्यवाही प्रारंभ हुई। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित समाजसेवी युवा नेता एवं मारनहल्ली पंचायत अध्यक्ष श्री पुट्टाआंजनप्पा का सेवा संघ की ओर से अध्यक्ष नारायणलाल परिहार, उपाध्यक्ष धर्माराम काग,सहसचिव जुगराज चोयल,नंदुलाल गहलोत,थानाराम गहलोत,वालाराम गहलोत,पूर्व अध्यक्ष तुलसाराम राठौड़,पूर्व सहसचिव हनुमानराम राठौड़ आदि ने शाल,माला व साफा पहनाकर स्वागत किया। अध्यक्ष नारायणलाल परिहार ने अपने स्वागत भाषण में सबका स्वागत करते हुए समाज को भूखण्ड दिलाने में विशेष सहयोग के लिए मुख्य अतिथि पुट्टाआंजनप्पा को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। देवसन्द्रा बडेर के अध्यक्ष दुर्गाराम राठौड़ एवं पूर्व सचिव पेमाराम बर्फा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के भावी विस्तार योजना के लिए बड़े भूखण्ड की महती आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन प्रेम किशोर बर्फा ने किया और अंत में सहसचिव जुगराज चोयल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।इस अवसर पर उपाध्यक्ष धर्माराम काग,सहसचिव जुगराज चोयल,नंदुलाल गहलोत,थानाराम गहलोत,वालाराम गहलोत,पूर्व अध्यक्ष तुलसाराम राठौड़,पूर्व सहसचिव हनुमानराम राठौड़, पूर्व प्रधानाचार्य चिमनाराम पंवार,चेत-बंदे के संपादक प्रेमकिशोर बर्फा,रामलाल पंवार,रतनलाल गेहलोत,पेमाराम राठौड़, मांगीलाल परिहार,नवयुवक मंडल एवं महिला मंडल के पदाधिकारी व सदस्यगण सहित समाज के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। आईमाता की प्रसादी के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।