डा. रामलखन चौरसिया “वागीश” को हिंदी साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित होने पर चौरसिया समाज मे अत्यंत खुशी का माहौल

विकास कुमार चौरसिया “प्रयागरा” की रिपोर्ट

हिन्द सागर ब्यूरो उ.प्र. प्रयागराज, डाक्टर राम लखन चौरसिया”वागीश” को हिंदी साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित होने पर चौरसिया समाज मे अत्यंत खुशी का माहौल है। अब तक साहित्य जगत के बहुत सारे सम्मान प्राप्त हो चुके चौरसिया सेवा ट्रस्ट रजि. भारत के सैकड़ों पदाधिकारियों व साहित्यिक जगत के तमाम लोगों ने डाक्टर साहब को शुभकामनाएं भेंट की है।
प्राप्त विवरण के अनुसार जनपद गोरखपुर के मूल निवासी डॉ रामलखन चौरसिया वागीश ने अपने छात्र जीवन से ही साहित्य की ओर रुझान बना लिया था। 57 वर्ष की उम्र के पड़ाव तक पहुंचते-पहुंचते आपने साहित्य विधा में श्रेष्ठ कलमकार की ख्याति प्राप्त कर ली है। आपकी रचनाओं से साहित्य जगत में नयी ऊर्जा का संचार किया है। प्रयागराज से प्रकाशित मौलिक विचार एवं साहित्यिक सर्जना की मशहूर पत्रिका साहित्यांजलि द्वारा दिया जाने वाला हिंदी साहित्य सेवी सम्मान 2020 की सूची में डॉ रामलखन चौरसिया वागीश भी शामिल है। यह सम्मान उनकी रचना कहानी संग्रह केकड़ा संस्कृति के लिए दिया गया है। इस सम्मान सूची में साहित्य जगत की कुल 14 हस्तियों को शामिल किया गया है। डॉ साहब ने अपनी पत्नी के आकस्मिक निधन के बाद मात्र 24 घंटे में ही उनके जीवन पर पुस्तक लिखकर इतिहास रच दिया। उनकी काव्य रचना  मेरी माला से जीवन के कटु अनुभवों का एहसास किया जा सकता है।  उनकी इस उपलब्धि से साहित्य जगत के साथ-साथ चौरसिया समाज में ख़ुशी की लहर है। चौरसिया सेवा ट्रस्ट रजि भारत के युवा राष्ट्रीय प्रभारी विकास कुमार चौरसिया, युवा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप कुमार चौरसिया, युवा राष्ट्रीय सचिव हेमन्त चौरसिया, युवा राष्ट्रीय संगठन मंत्री कृष्ण कुमार चौरसिया, चौरसिया समाज प्रयागराज के अध्यक्ष अनिल चौरसिया (मुन्नन जी)  एवं कई अन्य पदाधिकारियों ने फोन पर डाक्टर साहब को शुभकामनाएं दी। युवा राष्ट्रीय प्रभारी विकास कुमार चौरसिया ने बताया कि अब हमारा समाज प्रत्येक क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहा है। साहित्य, खेल, राजनीति व अन्य सामाजिक क्षेत्र में हमारे समाज के युवा से बुजुर्ग तक राष्ट्रीय उत्थान में अपना पूरा योगदान दे रहे हैं।

संक्षिप्त परिचय
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डॉ रामलखन चौरसिया ‘वागीश’
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इनका जन्म -10 जनवरी 1963
जन्म स्थान- ग्रामपंचायत -बसन्तपुर, पिपराइच, गोरखपुर, उत्तरप्रदेश।
सर्वोच्च सम्मान :
1- अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन के समन्वय श्री उपाधि से 2007 में सम्मानित।
2- गुफ्तगू संस्था द्वारा 2019 में बेकल उत्साही सम्मान से सम्मानित।
3- अवध साहित्य अकादमी द्वारा 2020 में खंडकाव्य  “मेरी माला” पर हरिवंशराय बच्चन सम्मान।
4- भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ की पत्रिका सहित्याञ्जली प्रभा द्वारा हिन्दी दिवस पर कहानी संग्रह “केकड़ा संस्कृति” के लिए हिन्दी साहित्य सेवी सम्मान 2020।

सम्प्रति !
1- अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन के प्रदेश सचिव पद पर कार्यरत।
2- भातीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के मुखपत्र सहित्याञ्जली प्रभा के साहित्य प्रकोष्ठ के प्रभारी एवं सम्पादक।
3- हिंदुस्तानी साहित्य की त्रैमासिक पत्रिका गुफ्तगू के संरक्षक व मिडिया प्रभारी।