देश के ‘इको सायबर क्राइम’ डिटेक्शन मामले में अव्वल आई.पी.एस. अधिकारी एस. जयकुमार

सुभाष पांडेय भायंदर। देश के ‘ इको सायबर क्राइम डिटेक्शन ‘ मामले में अव्वल वरिष्ठ आई.पी.एस. अधिकारी के रूप में एस. जयकुमार का नाम आता है। हाल ही में उनकी नियुक्ति ‘ मीरा-भायंदर व वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय में ‘ बतौर अपर पुलिस आयुक्त (* विशेष पुलिस महानिरीक्षक ) प्रमोशन के तहत की है। उनके अंदर तीन पुलिस उपायुक्त रहेंगे जोकि, तीन जोन में बीस पुलिस-स्टेशन आएंगे। फिलहाल 13 पुलिस स्टेशन्स एक्टिव हैं। लॉ एंड ऑर्डर, क्राइम ब्रांच, तड़ीपारी, गोपनीय, विशेष शाखा, सुरक्षा, अडमिरेशन आदि विभागों के चीफ़ होने के साथ-साथ पुलिस उपायुक्त, सारे पुलिस-स्टेशन के पीआई डायरेक्ट उन्हें रिपोर्ट करेंगे। एस. जयकुमार 2004 बैच के आईपीएस पुलिस अधिकारी बताये जाते हैं।


गौरतलब है कि, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एस. जयकुमार ने Crime, Criminals Networking System को National Level पर सभी पुलिस स्टेशनों को कम्प्यूटर में सारा डाटा रखने के बल पर जोर दिया था। जब 2014 में एस. जयकुमार जलगांव में थे तब उन्होंने कहा था :- ” एफ.आई.आर. नोंद होताच दिसणार, रिकार्डवर, गुन्हेगारांचे रेकॉर्ड ताबड़तोड़ उपलब्ध होणार, पोलीस तपास अधिक गतिमान होणार. ” Crime, Criminal Network System में मजबूती आएगी। सन 2016 में ‘ वित्तिय अपराध और धोखाधड़ी ‘ मामले में ‘ आर्थिक गुन्हे शाखा ‘ की भूमिका पर बल दिया था। ‘ मुम्बई आर्मेडेड पुलिस फोर्स ‘ के डीआईजी रहे। सन 2017 में ‘ भायखला सेंट्रल जोन ‘ में बतौर डीएसपी बहोत काम किया है। जोकि, मुम्बई पुलिस के ताड़देव, नागपाड़ा, अग्रिपाड़ा, एन. एम.जोशी मार्ग, कांजुरमार्ग, वरली, धारावी, माटुंगा, अंटाप हिल, कालाचौकी, वडाला, टी टी सर्कल आदि जोन -3,4,5 में आता है। जयकुमार कहते हैं :-” लालच लोगों को वित्तिय धोखाधड़ी का शिकार बनने के कारण हैं। वास्तव में, समाज के सभी हिस्सों को इस तरह की लुभावनी योजनाओं से बचना चाहिए। क्योंकि, लोगों को भारी रिटर्न का लालच देकर लोग आर्थिक अपराध करनेवालों का शिकार हो जाते हैं। “


मुम्बई में आर्थिक अपराध शाखा में बतौर पुलिस उपायुक्त ‘ पुलिस एंड यू ‘ श्रृंखला के तहत पुलिस सुधार के साथ-साथ आर्थिक अपराधों को कंट्रोल करने, अन्वेषण करने, डिटेक्ट करने को लेकर बड़े पैमाने पर जोर दिया था। ‘ द पुलिस एंड यू – इकोनॉमिक्स ऑफेंस, व्हेन टू अप्रोच टू द ईयर ‘ विषय पर 12 सप्ताह की श्रृंखला का एक व्यापक आयोजन में महेश आठवले एवं वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एस. जयकुमार विशेष रूप से वक्ता थे। उन्होंने Q Net से संबंधी केंद्रीय जांच ब्यूरो ( CBI ) , प्रवर्तन निदेशालय ( ED), मुम्बई पुलिस और दिल्ली पुलिस EOW आर्थिक अपराध जांच एजेंसियों द्वारा कार्रवाई के बारे में भी अवगत कराया।