प्रतापगढ़: समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष पर लगा रासुका 

हिन्द सागर प्रतापगढ़: दलित महिला के उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष छविनाथ यादव पर अब सरकार ने कठोर कार्यवाही करते हुए उन पर रासुका लगा दिया है। लोगों में चर्चा है कि आखिर छबिनाथ यादव ने ऐसा क्या किया है, जिससे वे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इतना बड़ा खतरा बन गए?

“क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA)

रासुका का मतलब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (National security act NSA) है.  सुरक्षा अधिनियम-1980, देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित एक कानून है. यह कानून केंद्र और राज्य सरकार को किसी भी संदिग्ध नागरिक को हिरासत में लेने की शक्ति देता है.इसमें हिरासत में लिए व्यक्ति को अधिकमत एक साल जेल में रखा जा सकता है.”


 जिलाधिकारी डॉ रूपेश कुमार ने उनके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही करते हुए पुलिस ने उनके घर पर इसका नोटिस चस्पा किया है। दलित महिला के साथ मारपीट के मामले में आरोप पत्र भी न्यायालय में दाखिल कर दिया गया है। साथ ही उनकी संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है। इसे प्रशासन और पुलिस की जल्दबाजी कहें या सक्रियता? 10 सितंबर को दर्ज मामले में गिरफ्तारी, जेल भेजना, विवेचना का काम 13 सितंबर को पूरी करके न्यायालय में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है। अब उनका आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। संपत्ति भी कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। उनके आय के श्रोतों को खंगालने के साथ ही दो गांवों में विकास कार्यों पर खर्च हुई धनराशि का ब्यौरा भी खंगालने की तैयारी प्रशासिनक अमला कर रहा है। 


वैसे उपरोक्त सारी कार्यवाही होने में प्रशासन सालों लगा देता है। लेकिन छविनाथ यादव के मामले में बढ़ी सक्रियता को लोग राजनीति से प्रेरित भी बता रहे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम प्रतापगढ़ आने वाले थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया था। सभापति यादव के बाद छविनाथ यादव पर हो रही कठोर कार्यवाही से यादव समाज में भारी असंतोष बढ़ रहा है। एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने नाम न छापने की शर्त पर हिन्द सागर को बताया, “योगी सरकार ब्राह्मण और यादवों पर बदले की भावना से कार्यवाही कर रही है। नहीं तो यदि इतनी ततपरता रोज दलितों पर हो रहे अत्याचार, भू माफिया के आतंक और गंगेस्टरों के खिलाफ दिखाती तो सबसे ज्यादा ठाकुर जेलों में होते।”
हिन्द सागर का मानना है कि हर अपराधी पर बिना जाती, धर्म,या अन्य पहचान को देखे प्रशासन निष्पक्ष कार्यवाही करे। जिससे उत्तर प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था में कानून का राज स्थापित हो सके।