
हिन्द सागर ब्यूरो। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक सर्वे के अनुसार यह जानकारी दिया है कि इंसान के जिस्म से निकलने वाली हवा (पाद) के कारण भी कोरोना फैल सकता है।
ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के कारण पूरे विश्व में डर का माहौल फैला हुआ है। इस पर बार-बार डब्ल्यूएचओ कोई न कोई बयान जारी करता रहता है। डब्ल्यूएचओ द्वारा सयय समय पर जारी बयान मे कभी कोरोना कान से हो सकता है तो कभी कहता है कि आंख से हो सकता है। अभी हाल ही मे डब्ल्यूएचओ ने एक नई जानकारी साझा की है जिसमें उसने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति कुछ देर पहले कहीं हवा छोडकर (पादकर) कर गया हो और वह कोरोना संक्रमित है तो उसका पाद को सूंघने वाले व्यक्ति को भी कोरोना होने की संभावना होती है। क्योंकि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के स्टूल में भी कोरोना वायरस पाया गया है।
डब्ल्यूएचओ ने इस बाबत जानकारी देते हुए कहा कि इंसानी शरीर में बनने वाले गैस के साथ कई तरह की रसीली भाप भी बाहर आती है।
उस रसीली भाग में कई प्रकार के विषाणु और कीटाणु भी शामिल होते हैं। ठीक उसी प्रकार कोरोना वायरस भी उस भाप के साथ शरीर से बाहर आता है। और यदि 10 मिनट के भीतर कोई व्यक्ति वहां से गुजरते हुए उस भाप को सूंघता है तो उसके नाक के माध्यम से कोरोना वायरस उसके शरीर में प्रवेश कर जाएगा।
कोरोना वायरस की हवा में मौजूदगी
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल तेड्रोस ने बताया कि
“यदि कोई व्यक्ति बिना मास्क के उस जगह से गुजरेगा तो उसे कोरोना संक्रमित होने से कोई नहीं बचा पाएगा। साथ ही साथ इस प्रकार एक से ज्यादा व्यक्तियों के संक्रमित होने की संभावना भी बनी रहती है।”
इससे बचने का उपाय
इस बात को बताते हुए टेड्रोस ने कहा कि “इस चीज से बचने का कोई उपाय नहीं है, यदि आप को सुरक्षित रहना है तो मास्क लगाकर ही रखना होगा। यदि आप मास्क नहीं लगाएंगे तो यह बीमारी आपको किसी भी माध्यम से हो सकती है।”