राज्य भर में 8 हजार से अधिक पुलिसकर्मी हैं कोरोना वायरस से संक्रमित

हिन्द सागर मुंबई। इस लॉकडाउन में कोरोना वायरस से फ्रंट पर लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के साथ साथ पुलिसकर्मी व पत्रकार भी हैं। लेकिन इस लड़ाई में कई पुलिसकर्मी इस वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। राज्य में अब तक 8,232 पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित हुए हैं। जिसमें से सबसे अधिक मुंबई पुलिस के लोग शामिल हैं। मरने वालों में 861 पुलिस अधिकारी और 93 पुलिसकर्मी हैं। स्थिति को देखते हुए पुलिस ने ‘रैपिड एंटीजेन डिटेक्शन टेस्ट’ शुरू करने का निर्णय लिया है।
महाराष्ट्र पुलिस बल में आज 1825 कोरोना के मरीज हैं।  इसमें 214 अधिकारी और 1611 पुलिसकर्मी शामिल हैं। जबकि 6407 पुलिसकर्मी संक्रमित हैं जिनमें कोरोना के हल्के लक्षण पाए गए हैं। इसीलिए इन सभी को क्वारंटाइन किया गया है।अब तक राज्य में 6314 पुलिसकर्मियों ने कोरोना को हराया है। जबकि राज्य में अब तक 93 पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है।
आंकड़ों के अनुसार, पुलिस विभाग में कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों की संख्या सबसे अधिक संक्रमित मुंबई पुलिस के लोग हैं। स्थिति को बेकाबू होता देख मुंबई पुलिस बल के मुंबई क्षेत्रीय विभाग ने 24 जुलाई से 29 जुलाई तक ‘रैपिड एंटीजेन डिटेक्शन टेस्ट’ आयोजित करने का फैसला किया है।
इस प्रक्रिया में एक पुलिस अधिकारी के रूप में सहायक पुलिस आयुक्त की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। तय कार्यक्रम के अनुसार, यह शिविर इलाके के किसी एक पुलिस स्टेशन में आयोजित किया जाएगा। शिविर में केवल 45 से 55 वर्ष के बीच के पुलिस कर्मियों का परीक्षण किया जाएगा और अगर किसी का भी टेस्ट पॉजिटिव आता है तो उसे इलाज के लिए नगरपालिका या सरकारी अस्पताल में या एक क्वारंटाइन सेंटर में ले जाया जाएगा।  प्रत्येक पुलिस स्टेशन के कर्मचारियों के परीक्षण का कार्य संबंधित वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को सौंपा गया है।
इसके अलावा मुंबई पुलिस बल में कोरोना की बढ़ती संख्या के पीछे क्या कारण है इस बात का अध्ययन कर एक रिपोर्ट बनाई गई है।  रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य मेंं जितने भी कोरोना पीड़ित पुलिसकर्मी हैं उनमें से 50 फीसदी जवान रेेड ज़ोन या फिर कंटेन्मेंट जोन में ड्यूटी कर रहे थे, जबकि 45 फीसदी पुलिसकर्मी कंटेन्मेंट जोन इलाके के आसपास ड्यूटी कर रहे थे। बाकी पुलिसकर्मियों में हाई ब्लडप्रेसर या फिर शुगर के लक्षण थे।
साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि, कोरोना रोगियों में 33.24 पुलिसकर्मी 31 से 40 वर्ष की आयु वर्ग के हैं।  दूसरे शब्दों में, हर तीसरा मरीज 31 से 40 उम्र के बीच का है। लगभग 28% रोगी 20 से 30 वर्ष के आयु वर्ग के हैं। 40-50 वर्ष आयु वर्ग के संक्रमित लोगों की संख्या 22 प्रतिशत है, जबकि 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में कोरोना से संक्रमित रोगियों की संख्या 17 प्रतिशत है।  यद्यपि मुंबई पुलिस बल में 31 से 40 वर्ष की आयु के कोरोना मामलों की संख्या सबसे अधिक है। जबकि 82 प्रतिशत मृतकों की आयु 50 वर्ष से अधिक है।