मोदी सरकार बिना गारंटी के छोटे कारोबारियों को दे रही है 10,000 रुपये का कर्ज

हिन्द सागर ब्यूरो। कोरोना महामारी मे लगाए गए लॉकडाउन की वजह से सभी लोगों के रोजगार और कारोबार प्रभावित हुए हैं। लोगों के पास पैसों की तंगी आ गई है, हर छोटे बडे कारोबारी को काम दोबारा शुरू करने के लिए रुपये की जरूरत है। लेकिन बैंक की लंबी प्रक्रिया और ऊंचे ब्याज दरों की वजह से लोग कर्ज लेने से डर रहे हैं। ऐसे में नरेंद्र मोदी सरकार ‘आत्मनिर्भर निधि’ योजना के तहत लोगों के लिए राहत भरी खबर लेकर आई है। इस योजना के अंतर्गत सरकार 10,000 रुपये तक का कर्ज दे रही है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

रेहड़ी, पटरी लगाने वाले छोटे कारोबारी अब ‘आत्मनिर्भर निधि’ योजना के तहत 10,000 रुपये तक का कर्ज देशभर में फैले 3.8 लाख साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) केंद्रों के जरिए ले सकेंगे। सरकार की डिजिटल और ई-गवर्नेंस सेवा इकाई सीएससी ई-गवर्नेंस सविर्सिज इंडिया लिमिटेड ने यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना पूरी तरह से आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित है। इस योजना के तहत रेहड़ी, पटरी और खोमचा लगाने वाले छोटे कारोबारियों को 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई जाती है। योजना के तहत कर्ज लेने वाले इन उद्यमियों को कर्ज का नियमित रूप से भुगतान करने प्रोत्साहन भी दिया जाता है और डिजिटल लेनदेन पर पुरस्कृत भी किए जाने का प्रावधान है।

योजना से रेहड़ी पटरी वालों को औपचारिक स्वरूप मिलेगा और इस क्षेत्र के लिए नए अवसर खुलेंगे। सीएससी योजना के तहत इन छोटे कारोबारियों का पंजीकरण करने में मदद करेगी। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजय कुमार ने कहा कि योजना के तहत शहरी क्षेत्र के रहड़ी पटरी वालों को 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी उपलब्ध होगी।

यह पूंजी एक साल की अवधि के लिए होगी और इसका मासिक किस्तों में भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि इस कर्ज के लिए कर्ज देने वाले संस्थान द्वारा कोई रहन अथवा गारंटी नहीं ली जाएगी। सभी कारोबारियों को डिजिटल लेनदेन करना होगा, उन्हें इसमें कैशबैक की पेशकश मिलेगी। कुमार ने कहा कि योजना के लिए सिडबी को क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है और अब तक इसके तहत दो लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं जबकि 50 हजार कारोबारियों को कर्ज मंजूर किया गया है।