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एन वार्ड में नेवी की प्रतिबंधित दीवार पर ब्यूटीफिकेशन के नाम पर करीब 16 लाख रूपए का घोटाला ।
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मानस कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा विगत 3 वर्षों में किए गए कार्यों की विभागीय जांच करने की हो रही है मांग
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घोटाला छुपाने के लिए सूचना अधिकार के तहत दो वर्षों से नहीं दी जा रही है जानकारी ।
मुंबई : महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने सत्ता संभालने के बाद मुंबई शहर का सौंदर्य करण करने के लिए महानगरपालिका को आदेश दिया था। जिसके बाद महानगरपालिका ने अपना खजाना खोल दिया था और हजारों करोड़ रुपए ब्यूटीफिकेशन के नाम पर खर्च किए गए। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि ब्यूटीफिकेशन के नाम पर फंड को अलॉट हुआ लेकिन यह पूरा का पूरा फंड ठेकेदार और मनपा के भ्रष्ट्र अधिकारियों की जेब में चला गया। दीवारों की पेंटिंग और स्ट्रीट फर्नीचर के नाम पर हजारों करोड रुपए का घोटाला किया गया। मुंबई शहर का ब्यूटीफिकेशन तो दूर मुंबई शहर की खूबसूरती और बदसूरती में बदल गई। इसी तरह मनपा एन वार्ड के अंतर्गत 2 दिसंबर 2022 को ब्यूटीफिकेशन के नाम पर पीओ क्रमांक 4200182728 वार्ड नंबर 130 में बोरीवली की मानस कंस्ट्रक्शन कंपनी को जारी किया गया था। यह आर्डर करीब 16 लाख रुपए का है। इस ऑर्डर के तहत एलबीएस मार्ग घाटकोपर पश्चिम चिराग नगर में नेवी की दीवार पर ब्यूटीफिकेशन करने की जिम्मेदारी दी गई थी। आश्चर्य की बात यह है कि नेवी की दीवाल प्रतिबंधित क्षेत्र है, जहां पर किसी को भी आने-जाने की सख्त मनाही है। नेवी की दीवार पर महानगरपालिका ब्यूटीफिकेशन का काम कानूनन कर ही नहीं सकती है। अगर यह मान भी लिया जाए कि महानगरपालिका अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर नेवी की दीवार का ब्यूटीफिकेशन कर सकती है तो भी वहां पर की ब्यूटीफिकेशन का कोई कार्य किया ही नहीं गया है। इसी तरह मानस कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा अन्य फर्जी कार्यों के मार्फत एन वार्ड में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया जा चुका है। मनपा के भ्रष्ट अधिकारियों ने मानस कंस्ट्रक्शन कंपनी को करीब 15 लाख रुपए का बिल भी पास कर दिया। जब इस संदर्भ में सूचना अधिकार के तहत जानकारी मंगनी गई तो महानगरपालिका के अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए। उन्होंने सूचना अधिकार के तहत कोई जानकारी नहीं दी। इस संदर्भ में 3 अप्रैल 2023 को जानकारी मांगी गई थी। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने 6 अक्टूबर 2023 को अपील फाइल किया जिसकी सुनवाई जनवरी 2024 को हुई। जिसमें आपीलीय अधिकारी ने सूचना अधिकारी को आदेश दिया कि मांगी गई जानकारी 15 दिनों के भीतर निशुल्क उपलब्ध करा दी जाए। लेकिन उसके बावजूद भी सूचना अधिकारी ने अपील अधिकारी के आदेशों को कूड़े की टोकरी में डालते हुए कोई जवाब नहीं दिया। दिसंबर में शिकायतकर्ता ने मनपा के वरिष्ठ अधिकारियों को बारंबार पत्र लिखकर शिकायत की तथा जानकारी देने के लिए निवेदन किया लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा सूचना अधिकार के तहत जानकारी नहीं उपलब्ध कराई जा रही है। मानस कंस्ट्रक्शन कंपनी को संरक्षण दे रही रुचिका मैडम को निलंबित करने की मांग भी मनपा आयुक्त भूषण गगरानी से की जा रही है। इस संदर्भ में सूचना अधिकार कानून के तहत जानकारी प्राप्त करने के लिए कार्यकारी अभियंता द्वारा आदेश दिए गए जाने के बावजूद भी एन वार्ड कार्यालय द्वारा 2 वर्ष बीतने के बावजूद भी जानकारी नहीं दी जा रही है। जो यह दर्शाता है कि मानस कंस्ट्रक्शन कंपनी और एन वार्ड के अधिकारियों का घोटाला इतना बड़ा है कि उसे बचाने के लिए अधिकारी कानून को भी ताक पर रख रहे है। शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे ग्रुप के पक्ष संघटक विलास रूपवते ने मनपा आयुक्त भूषण गगरानी को पत्र लिखकर शिकायत की है कि मानस कंस्ट्रक्शन कंपनी मन द्वारा एन वार्ड में पिछले तीन वर्षों में किए गए सभी कार्यों की विभागीय जांच कराकर घोटाले को सामने लाए तथा कंपनी द्वारा किए गए सभी घोटाले की रकम को ब्याज सहित वसूल करने के अलावा कंपनी के विरुद्ध पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराए। इसके अलावा सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी शीघ्र ही प्रदान करें। अगर 15 दिनों में इस शिकायत पर कार्रवाई नहीं की गई तो मनपा एन वार्ड कार्यालय पर विशाल जनसमूह का मोर्चा निकाला जाएगा जिसकी जिम्मेदारी महानगरपालिका की होगी ।