शिव्मोगा व्यापारी पर हुए हमले का विरोध प्रदर्शन:
प्रवासी राजस्थानी समाज ने अपने प्रतिष्ठान बंद रख कर एस पी को दिया ज्ञापन:
हिन्द सागर,भोमा भारती गोस्वामी,शिव्मोगा: मंगलवार शाम कस्तुरबा रोड़ पर कचोरी के व्यापारी हिरा लाल सेन पर पता पुछने के बहाने हमला कर हिरा लाल को चाकु मारकर घायल किया गया जिनका इलाज शिव्मोगा के निजी अस्पताल में चल रहा है 4 हमलावरों में से तीन हमलावर भाग गये व एक को स्थानीय लोगों की मदद से पकड़ लिया जिसको पुलिस को हवाले किया गया। हिरा लाल के हमले के विरोध में प्रवासी राजस्थानी समाज ने बुधवार को अपने प्रतिष्ठान बंद रख कर विरोध प्रदर्शन किया एवं रामाण्णा शेट्टी पार्क से जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक हाथ में काली पट्टी बांध कर मौन जुलूस निकाला व पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध प्रकट किया। एवं जिला पुलिस अधीक्षक मिथुन कुमार को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में लिखा गया की आये दिन व्यापारीयो पर हमले हो रहे हैं गाधी बाजार में सोने चांदी व अन्य दूकानों पर रोजाना हो रही चोरियां पर कार्रवाई की जाये। वही शहर में लगातार छोटी छोटी वजहों से व्यापारियों पर हो रहे हमलों से विभिन्न जगहों से आने वाले ग्राहकों में चिंता पैदा हो गई है 30/35 साल पहले तक गाधीं बाजार अच्छा कारोबार कर रहा था। लेकिन हाल ही में पिछले कुछ वर्षों से व्यापार में गिरावट आयी है। चुंकि दुकानों का किराया और एडवांस भी ज्यादा है और व्यापार भी कम है। इस लिए व्यापारियों के लिए जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है। फुटपाथ पर दुकानदारों को पार कर दूकान में प्रवेश करना मुश्किल हो जाता है। साथ ही गांजा और अन्य नशीली दवाओं का सेवन करने वाले कुछ लोग व्यापारियों को धमकी दे रहे हैं पुलिस विभाग को घटनास्थल पर पहुचने मे अविलंब हो जाता है इसलिए गाधीं बाजार में पुलिस स्टेशन स्थापित करना चाहिए साथ ही हमारी समस्या का समाधान करने का अनुरोध किया। यह भी चेतावनी दी कि यदि कल हुए हमले में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तो जिला व्यापारी एवं उघोग संघ के सहयोग से बडे़ पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। इस मौके पर गाधीं बाजार व्यापारी संघ के अध्यक्ष विजय कुमार दिनकर, विष्णु समाज के पुर्व अध्यक्ष भवरलाल भाटी, वर्तमान उपाध्यक्ष हनुमाना राम माली, कोषाध्यक्ष डुगरसिह राजपुरोहित, विनोद कुमार जैन हंसराज कवाड़ देवी चंद जैन, लालाराम सेन सहित राजस्थानी समाज के सैकडों लोग मोजूद थे।