हिन्द सागर,राजूराम प्रजापति, बेंगलुरू: श्री प्रजापत समाज कर्नाटक ट्रस्ट बेंगलुरू काॅटनपेट की ओर से भक्त शिरोमणी श्री श्रीयादे माताजी 13 वी वर्षगांठ पर दो दिवसीय महोत्सव हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। गुरुवार शाम मराठा हॉस्टल चामराजपेट प्रांगण में भजन संध्या का आयोजन हुआ भजन कलाकार सोहनलाल सीरवी, अनदाराम प्रजापत ने माताजी, रामदेव जी के भजन सुनाए सभी महिलाओं, पुरुषों ने नृत्य किया। 13 वी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में बोलियों का समाज के सदस्यों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। शुक्रवार आज सुबह सात बजे श्री श्रीयादे माताजी मंदिर शिखर पर अमर ध्वजा के लाभार्थी बाबूलाल हाटवा परिवार ने ढोल नगाड़े गाजे बाजे माताजी के जयकारो के साथ ध्वजा चढ़ाई। श्री श्रीयादे माताजी सभी देवी, देवताओं, की पूजा-अर्चना लाभार्थियों परिवार द्वारा विधि विधान द्वारा कराया गया। मराठा हॉस्टल चामराजपेट प्रांगण मैं आज 75 वा गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा फहराया, पारम्परिक राजस्थानी वेषभूषा के साथ हजारों की संख्या में महिला व पुरुषों की उपस्थिति से मैले जैसा माहौल का वातावरण बन गया। प्रजापत समाज की सभी संस्थाओं और बाहर से पधारे सभी संस्थाओं के पदाधिकारीओं का साफा, माला पहनाकर संस्था द्वारा सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि पी. सी. मोहन, देवासी समाज के भूत पूर्व अध्यक्ष भानाराम देवासी का साफा, माला, पहनाकर सम्मानित किया गया। बैंगलोर कर्नाटक कि सभी संस्थाओ ने बढ चढ कर भाग लिया महोत्सव को सफल बनाया। इसके साथ ही बाहर से पधारे सभी प्रजापत समाज के पदाधिकारीयो को सम्मानित किया गया। समाज के वरिष्ठ डायाराम प्रजापत, जीवाराम घोड़ेला, राजूराम प्रजापति, मदनलाल प्रजापति ने समाज के प्रति अपने विचार रखे शिक्षा और समाज के विकास के लिए एक अलग से कमेटी गठित करने विचार रखे समाज के उज्वल भविष्य की कामना की जिससे समाज मे एक अच्छा संदेश गया। नवयुवक मंडल और महिला मंडल ने हर जिम्मेदारी को निभाते हुए इस आयोजन को सफल बनाया। विभिन्न समाजिक संगठनो के प्रतिनिधियों का माला साफा,पहनाकर सम्मानित किया गया। महोत्सव कार्यक्रम में सभी बोलियों के लाभार्थियों का माला, साफा, पहनाकर सम्मानित किया गया। कर्नाटक से अलग अलग शहरों से बड़ी संख्या लोग अपने परिवार के साथ इस सम्मलेन में उपस्थित हुए महाप्रसादी का लाभ लिया। संस्था के अध्यक्ष मनदलाल कपुरपरा ने विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा की अपनी संस्कृति को कभी नही भूलना चाहिए हमे गर्व है कि हमारी जन्म भूमि राजस्थान है जिसकी पहचान ही संस्कृति है मंच संचालन मदनलाल रावरीया ने किया।