हिन्द सागर कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरू गांव में गुरुवार की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर घात लगाकर विकास दुबे गैंग ने हमला बोल दिया। इस हमले में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जबकि सात पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आठ पुलिसकर्मियों की शाहदत के बाद विकास दुबे और उसके साथियों की धर-पकड़ तेज हो गई हैं। शुक्रावार की सुबह विकारू के जंगलों में पुलिस की दुबे गैंग से मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में पुलिस ने विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और साथ अतुल दुबे को मार गिराया है। कथित तौर पर इस आपराधिक वारदात को अंजाम देने वाला विकास दुबे हिस्ट्रीशीटर है और उसके ऊपर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित है।
योगी सरकार देगी एक करोड़ की आर्थिक सहायता
कानपुर के बिकारू गांव में विकास दुबे नाम के अपराधी के साथ एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही शहीद के परिवार से एक-एक सदस्य को सराकारी नौकरी दी जाएगी। योगी आदित्यनाथ ने कानपुर पुलिस लाइन में शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के बाद ये बात कही। जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ पुलिस लाइन में शहीद हुए आठ पुलिसकर्मियों को गार्ड ऑफ ऑनर भी देंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इससे पहले कानपुर के अस्पताल में इलाज करा रहे घायल पुलिसकर्मियों से भी मुलाकात की।
ज्ञात हो कि गुरुवार रात को पुलिस कानपुर के बिकारु गांव में धारा 307 के मामले में दबिश के लिए गई थी। जब टीम पर हमला हुआ। इसमें आठ पुलिसकर्मियों की जान गई, दो अपराधी भी मुठभेड़ में मारे गए। मुख्यमंत्री ने कहा दुख की घड़ी में हम पुलिसकर्मियों के शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी और असाधारण पेंशन सरकार उपलब्ध करवाएगें। इसके अलावा 1 करोड़ की आर्थिक सहायता भी प्रत्येक परिवार को दी जाएगी। उन्होंने कहा, इस घटना के जिम्मेदार जो भी लोग हैं। उनको बख्शा नहीं जाएगा।
विकास दुबे के रिश्तेदार हिरासत में
लखनऊ के कृष्णानगर एसीपी दीपक सिंह, कृष्णानगर एसएचओ व मानकनगर, सरोजनीनगर पुलिस ने विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश के घर से रिश्तेदार अंजली दुबे और अनु दुबे को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। विकास की तलाश में लखनऊ के कई ठिकानों में पुलिस सर्च कर रही है। वहीं, विकास की मां के घर के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। साथ ही विकास के भाई की पत्नी, बेटी और मां से पूछताछ की।
विकास दुबे की मां ने कहा- नहीं देखूंगी बेटे की शक्ल
विकास दुबे की मां ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘पुलिस के कातिल, बेटे का चेहरा नहीं देखूंगी। उसने जो किया वो गलत किया।’ पुलिस उसका एनकाउंटर कर दे।
19 साल पहले थाने में घुसकर विकास दुबे ने की थी राज्यमंत्री की हत्या
हिस्टीशीटर विकास दुबे की अगर बात करे तो उसका एक लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। 19 साल पहले उसने साल 2001 में विकास दुबे ने थाने के अंदर घुसकर राजनाथ सिंह सरकार में राज्यमंत्री रहे संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। इस हाई-प्रोफाइल मर्डर के बाद उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और कुछ माह के बाद जमानत पर बाहर आ गया था। बताया जाता है कि थाने में घुसकर राज्यमंत्री की हत्या का आरोप लगने के बावजूद भी उसका कुछ नहीं हुआ। इतनी बड़ी वारदात होने के बाद भी किसी पुलिसवाले ने विकास के खिलाफ गवाही नहीं दी। जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया। इसी घटना के बाद वो ‘शिवाली का डॉन’ नाम से मशहूर हो गया था।
अपराधों की लिस्ट है काफी लंबी
विकास दुबे इसके अलावा, वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास की जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है। वर्ष 2004 में केबल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है। वर्ष 2018 में विकास दुबे नें अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला किया था। उसने माती जेल में बैठकर पूरे साजिश रची थी। अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों को नामजद किया था।
मायावती ने की योगी सरकार से मांग
मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ”कानपुर में शातिर अपराधियों द्वारा एक भिड़ंत में डिप्टी एसपी सहित 8 पुलिसकर्मियों की मौत व 7 अन्य के आज तड़के घायल होने की घटना अति-दुःखद, शर्मनाक व दुर्भाग्यपूर्ण। स्पष्ट है कि यूपी सरकार को खासकर कानून-व्यवस्था के मामले में और भी अधिक चुस्त व दुरुस्त होने की जरूरत है।” अपने दूसरे ट्वीट में मायावती ने कहा, ”इस सनसनीखेज घटना के लिए अपराधियों को सरकार को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहिए, चाहे इसके लिए विशेष अभियान चलाने की जरूरत क्यों न पड़े। सरकार मृतक पुलिस के परिवार को समुचित अनुग्रह राशि के साथ ही परिवार के किसी सदस्य को नौकरी भी दे, बीएसपी की यह मांग है।”