हिन्द सागर, एजेंसी संवाददाता: अमेरिका के अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल में बीते 13 अक्टूबर को एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ. इसमें भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण समेत 10 भारतीयों पर अमेरिका के मैग्निट्स्की कानून के तहत प्रतिबंध लगाने और कार्रवाई करने की मांग की गई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अमेरिका में मौजूदगी के बीच यह विज्ञापन सामने आया.
इस विज्ञापन के जरिये भारत विरोधी माहौल बनाने की कोशिश की गई, जिसके विरोध में भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है. सवाल ये है कि अमेरिकी मीडिया में यह विज्ञापन कैसे प्रकाशित हुआ, किसने प्रकाशित कराया और क्यों?
दरअसल इसके पीछे एक भारतीय भगोड़ा घोटालेबाज शामिल है, जिसने अमेरिकी अखबार में धोखे से भारत विरोधी विज्ञापन छपवाया.
किसने छपवाया विज्ञापन ?
भारत में हजारों करोड़ का घोटाला कर विदेश भागे आरोपी ने देश की छवि बिगाड़ने का प्रयास किया है. इस आरोपी का नाम है- रामचंद्रन विश्वनाथन. इसके साथ शामिल है संगठन- फ्रंटियर्स ऑफ फ्रीडम. रामचंद्रन मनी लॉन्ड्रिंग और ठगी कर अमेरिका भाग गया है. वहीं फ्रंटियर्स ऑफ फ्रीडम भारत के खिलाफ एक सक्रिय संगठन है. इन्हीं ने वॉल स्ट्रीट जनरल में भारत विरोधी विज्ञापन दिया, जिसमें देश में निवेश की परिस्थितियों और सरकार को लेकर नकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश की.
विश्वनाथन ने क्यों किया ऐसा ?
रामचंद्रन विश्वनाथन साल 2005 में हुए 10 हजार करोड़ के देवास-एंट्रिक्स घोटाले में शामिल देवास कंपनी का सीईओ था. उसकी कंपनी की नीलामी के लिए ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने इसी वर्ष जून में अर्जी दी थी. ईडी ने ही उसे भगोड़ा घोषित किया था. रामचंद्रन को इसी बात की चिढ़ है.
पहले भी फ्रंटियर्स ऑफ फ्रीडम की ओर से ऐसा विज्ञापन जारी हो चुका है. इस संगठन का पदाधिकारी जॉर्ज लैंड्रिर्थ सोशल मीडिया पर विज्ञापन पोस्ट करते मिला. इसी संगठन के जरिए विश्वनाथन ने अगस्त में याचिका दायर कर कहा था कि मोदी सरकार उसे गिरफ्तार करने के लिए म्यूचुअल लीगल असिस्टेंट समझौते का सहारा ले सकती है.
क्या है इस WSJ विज्ञापन में ?
वॉल स्ट्रीट जर्नल के विज्ञापन में 11 लोगों को नरेंद्र मोदी का ‘मैग्निट्स्की 11’ करार दिया गया है. इसमें कहा गया है कि इन सरकारी अधिकारियों ने राज्य के संस्थानों को कानून का शासन खत्म करने, राजनीतिक और व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वियों को निपटने के लिए हथियार बनाया है. इस विज्ञापन में उन पर निवेशकों के लिए भारत को असुरक्षित बनाने का आरोप लगाया है.
विज्ञापन में दावा किया गया है कि मोदी सरकार में कानून का शासन को खत्म कर दिया गया है, इसलिए भारत निवेश के लिए एक खतरनाक जगह बन चुका है. इस विज्ञापन में अमेरिकी सरकार से ग्लोबल मैग्निट्स्की ह्यूमन राइट अकाउंटेबिलिटी एक्ट के तहत आर्थिक और वीजा प्रतिबंध लगाने का भी आग्रह किया गया है.
क्या है ग्लोबल मैग्निट्स्की एक्ट?
ग्लोबल मैग्निट्स्की एक्ट (Global Magnitsky Act) अमेरिकी राष्ट्रपति को, देश में प्रवेश से इनकार करने, पहले से जारी किसी भी वीजा को रद्द करने का अधिकार देता है. साथ ही यह एक्ट अमेरिकियों को किसी भी विदेशी व्यक्ति या संस्था के साथ लेनदेन करने से प्रतिबंधित करने के लिए भी अधिकृत करता है. यह प्रतिबंध ऐसे लोगों या संस्था पर लगाया जाता है, जिन पर न्याय की हत्या करने, यातना देने या कानून का घोर उल्लंघन करने के आरोप होते हैं.