“कन्नड़ा कलीके” भाषा उत्सव का उद्घाटन किया

“कन्नड़ा कलीके” भाषा उत्सव का उद्घाटन किया

हिन्द सागर,विजय शंकर गुप्ता, बेंगलुरू:भारत को विभिन्नता का देश कहा जाता है जहां पर भाषा और संस्कृति मैं बहुत ही विभिन्नता पाया जाता है, भाषा ही हमें जोड़ने का काम करती है, इसी जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए “भारतीय बोंगियो समाज” ने कर्नाटक के बेंगलुरु में 27 अगस्त को भारत स्काउट गाइड ऑडिटोरियम में “कन्नड़ा कलीके” शीर्षक के तत्वाधान में ,भाषा उत्सव, का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य भारत के विभिन्न राज्यों से आए प्रवासी लोग यदि मातृभाषा कन्नड़ा भाषा सीख और बोल सके, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें सौरव मुखर्जी ने बताया कि यह “भाषा उत्सव सम्मेलन” है ,जो सिर्फ बंगाली समाज की लिए नहीं है बल्कि भारत के किसी भी राज्य से आए हुए प्रवासियों को यहां पर कन्नड़ा क्लास कराया जाएगा जिससे वो कर्नाटक की भाषा से जुड़ पाएंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे “कर्नाटका रक्षा वाहिनी “के अध्यक्ष प्रवीण शेट्टी और कोलकाता के प्रसिद्ध अभिनेता और लेखक रुद्रनिल घोष, एशिया के सबसे मजबूत व्यक्ति मनोज चोपड़ा और पेट्रीयट उमेश गोपीनाथ जाधव उपस्थित रहे। इस पहल का उद्देश्य गैर-कन्नाडिगाज लोगों के लिए कनाडा सीखने की सुविधा के लिए साथ यहां की संस्कृति से जुड़ना भी है,हमारी यह पहल “कन्नड़ा कलीके” के माध्यम से लोगो को प्रशिक्षित किया जाएगा।“राष्ट्रीय सलाहकार और कोर कमेटी सदस्य बोंगियों समाज” रवि राजहंस और” निशा चक्रवर्ती ” ( क्रिया अर्ली लर्निंग स्कूल) , संदीप शोम, के नेतृत्व में कन्नड़ा भाषा का कार्यशाला (16-20 घंटे ) जिसका संचालन कन्नड़ शिक्षक लक्ष्मीकांत ने आज दिनांक ३ सेप्टेम्बर २०२२ दिन शनिवार से किया।लक्ष्मीकांत बैंगलोर स्थित एक युवा और ऊर्जावान उद्यमी हैं, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अपने प्रभावशाली सत्रों और सबसे आकर्षक कोचिंग कक्षाओं के माध्यम से 10000 से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।