कोरोना पिडित व्यक्ति से कितने दिन तक रहता है दूसरों को खतरा ?

चतुर्भुजा शिवसागर पाण्डेय

हिन्द सागर मुम्बई। आज कोरोना महामारी की चपेट में पूरा विश्व आ चूका है। लगभग हर देश इससे परेशान है। हर दिन बढते क्रम मे इसके नए मामले सामने आ रहे हैं, ज्यादातर लोगों के मौत का कारण कोरोना ही बन रहा है। कोरोना की वैक्सीन पर अलग अलग दावे तो किए जा रहे हैं पर प्रमाणित दवा नहीं बन पाई है, इससे बचने का एकमात्र तरीका है सावधान रहना, सतर्क रहना और एहतियात बरतना।
कोरोना मरीजों मे संक्रमण का मामला तेजी से फैलने के कारण इनको अलग-थलग रखा जाता है,

कोरोना वायरस पीड़ित मरीजों से कितने दिन तक स्वस्थ इंसान को खतरा रह सकता है

इस बात का लोगों के दिमाग में बड़़ा उल्झन रहता है, जिसका समाधान अब वैज्ञानिकों ने तलाश लिया है। सिंगापुर स्थित राष्ट्रीय संक्रामक रोग केंद्र (एनसीआईडी) के हालिया अध्ययन में यह दावा किया गया है। कि कोरोना वायरस की जद में आने के 11 दिन बाद ज्यादातर मरीजों से दूसरे मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा न के बराबर हो जाता है।
ज्ञात हो कि शोधकर्ताओं ने अलग-अलग अस्तपालों में भर्ती 73 संक्रमितों से वायरस के प्रसार का खतरा आंका गया था। जिसमे पाया गया कि लक्षण उभरने के सात दिन तक तो मरीज में वायरस की संख्या बढ़ने और हवा में उसका प्रसार होने की आशंका बहुत अधिक रहती है, लेकिन आठवें से दसवें दिन के भीतर यह वायरस कमजोर पड़ने लगता है, और 11वां दिन बीतते-बीतते पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
औषधीय विभाग के सूत्रों के मुताबिक एनसीआईडी के निदेशक प्रोफेसर लियो यी सिन कहते हैं, ताजा अध्ययन दर्शाता है कि संक्रमण के लक्षण उभरने के 11 दिन बाद मरीज और लोगों के लिए खतरनाक नहीं रह जाता है। ऐसे में गृह मंत्रालय चाहे तो कोरोना संक्रमितों को अस्पताल से छुट्टी देने के नियम में बदलाव कर सकता है। उन्होंने दावा किया कि अगर गृह मंत्रालय शोध के नतीजों पर यकीन कर डिस्चार्ज नियम बदलता है तो तकरीबन 80 फीसदी संक्रमितों को सर्दी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण सामने आने के 11 दिन बाद ही घर भेजना मुमकिन होगा। ऐसे ही एक शोध के द्वारा जर्मनी में कोरोना से संक्रमित नौ मरीजों में भी कुछ ऐसे ही नतीजे देखने को मिला कि कोरोना का मरीज 11वें दिन और लोगों तक संक्रमण नहीं फैला सकता। संक्रमित होने के पहले हफ्ते में तो मरीज के गले-फेफड़ों में वायरस की संख्या तेजी से बढ़तेहुए पायी गई। हवा में वायरस का प्रसार भी बहुत ज्यादा पाया गया, हालांकि आठवें दिन से ये दोनों ही प्रक्रियाएं धीमी पड़ गईं।