बुझ गई अखंड ज्योत:नीलकंठ महादेव मंदिर

*मंदिर प्रवेश से नहीं रोका नारियल चढ़ाने को लेकर हुआ था विवाद अभद्र व्यवहार मैं पुजारी गिरफ्तार
जालोर पुलिस अधीक्षक अग्रवाल*

हिन्द सागर/भोमा भारती गोस्वामी,
जालोर:नीलकंठ गांव में एक छोटे से विवाद के कारण 500 वर्षों से जल रही अति प्राचीन नीलकंठ महादेव मंदिर की ज्योत शांत है मामला यह था कि पिछले दिनों नव विवाहित दंपति दलित के साथ यहां के पुजारी वेला भारती का विवाद हो गया था उक्त घटना का वीडियो बी वायरस हुआ था जिस कारण रिपोर्ट के आधार पर अभद्र व्यवहार के आरोप में पुलिस ने मंदिर के पुजारी को गिरफ्तारतार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है। नौ सौ साल पहले खिलजी ने खंडित किया था यहां का शिवलिंग नीलकंठ महादेव मंदिर सदियों पुराना है जानकार बताते हैं कि जब अलाउद्दीन खिलजी ने जालौर पर आक्रमण किया उस दौरान यहां नीलकंड महादेव मंदिर के शिवलिंग को भी तीन तलवार मार कर खंडित कर दिया था उस दौरान खुशी दूरी पर पहुंचते ही खंडित शिवलिंग से निकले भंवरो ने खिलजी की सेना पर आक्रमण कर दिया था तब खिलजी ने नीलकंड महादेव की शक्ति को पहचाना था उसी दौरान खिलजी ने इस मंदिर के चबूतरे को सही करवाया था और मंदिर का मुख सूर्य अस्ताचल की ओर रखा था।
वर्षों से जल रही थी ज्योत ग्रामीणों के मुताबिक यहां मंदिर का भले ही विकास कर इसे बड़ा कर दिया हो लेकिन यहां की अखंड ज्योत वर्षों से चल रही थी नीलकंठ गांव में करीब 400 घर है प्रत्येक दिन हर घर से सवा किलो घी मंदिर में दिया जाता है जिससे यह अखंड ज्योत जलती रहती है लेकिन नवविवाहित दलित दंपत्ति के विवाद के चलते पुजारी न्यायिक अभिरक्षा में जाने से सदियों बाद मंदिर को ताले लगाने पड़े जिसके चलते वर्षों से जल्द ही अखंड ज्योति शांत हो गई ग्रामवासी बताते हैं की ऐतिहासिक मंदिर सदियों पुराना है जब खिलजी ने यहां शिवलिंग को खंडित किया तब महादेव के भंवरों ने चमत्कार दिखाया था या ज्योत वर्षों से जल रही थी लेकिन अब इस विवाद के कारण ज्योत शांत हो गई।