3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने की संभावनाएं -बाजार पूरी तरह तैयार*
हिन्द सागर, ठाणे। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र उपाध्यक्ष एवं ठाणे जिला होलसेल व्यापारी वेलफेयर महासंघ अध्यक्ष श्री सुरेश भाई ठक्कर बताया कि इस वर्ष दिवाली के त्योहारी सीजन में हुए जोरदार व्यापार से उत्साहित होकर दिल्ली सहित देश भर के व्यापारी अब शादी के सीजन की बिक्री की तैयारियों में जुट गए हैं और उम्मीद है की 14 नवम्बर देव उठान एकादशी 13 दिसम्बर से तक एक महीने का शादियों का पहला चरण शुरू होगा जिसमें देश भर में लगभग 25 लाख शादियों होने का अनुमान है और इस सीजन में लगभग 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार होगा । यह कहते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा की अकेले दिल्ली में इस सीजन में लगभग 1.5 लाख से ज्यादा शादियों होने का अनुमान है जिससे दिल्ली में ही लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपए के व्यापार की सम्भावना है । गत दो वर्षों में कोविड एवं शादियों की बेहद कम मुहूर्त के दिन होने तथा सरकार द्वारा लगाए अनेक प्रतिबंधों के चलते शादियाँ बहुत ही छोटे स्केल पर तथा कम संख्या में हुई थी ।
कैट की आध्यात्मिक एवं वैदिक ज्ञान कमेटी के चेयरमैन तथा देश के विख्यात आचार्य श्री दुर्गेश तारे ने बताया की सनातन धर्म में पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु जब अपनी चार महीने की लंबी नींद से जागते हैं उस दिन को देव उठानी एकादशी अथवा प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है ! यह दिन कार्तिक महीने में दिवाली के बाद शुक्ल पक्ष में दिवाली से ग्यारहवें दिन आता दिन है ! उन्होंने बताया की तारों की गणना के अनुसार नवम्बर महीने में 14 , 28 , 29 एवं 30 नवम्बर तथा दिसंबर के महीने में 1 , 6 , 7 , 8 , 9 , 11 , 12 एवं 13 दिसंबर है ! उसके पश्चात् एक महीने 14 जनवरी तक तारा डूब जाता है एवं फिर दोबारा 14 जनवरी से मांगलिक कार्य प्रारम्भ हो जाते हैं ! श्री तारे ने बताया की गत दो वर्ष के बाद इस वर्ष ही नवम्बर -दिसंबर में शादियों के इतने सारे मुहूर्त निकले हैं ! अगले वर्ष 2022 में भी 14 जनवरी के बाद से शादियों के अनेक मुहूर्त हैं ।श्री तारे ने यह भी कहा कि सनातन धर्म के अलावा आर्यसमाज, सिख बंधु, पंजाबी बिरादरी सहित अन्य अनेक वर्ग हैं जो मुहूर्त के बारे में विचार नहीं करते किन्तु फिर भी इस सीजन में ही अन्य अनेक लोग भी शादी करेंगे
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की शादियों के सीजन के अच्छे व्यापार की संभावनाओं को देखते हुए देशभर के व्यापारियों ने व्यापक तैयारियां की हैं और दिवाली पर्व पर हुए रिकॉर्ड कारोबार से उपजे उत्साह को बाज़ारों में बरकरार रखने के सभी प्रबंध किये जा रहे हैं ! उन्होंने बताया की प्रत्येक शादी का लगभग 20 प्रतिशत खर्च वधू पक्ष को जाता है जबकि 80 प्रतिशत खर्च शादी को सम्पन्न कराने में काम करने वाली अन्य तीसरी एजेंसियों को जाता है । श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने बताया की शादियों के सीजन से पहले जहां घरों की मरम्मत एवं पैंट आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है वहीं ख़ास तौर पर ज्वेलरी, साड़ियां,लहंगे -चुन्नी, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, फुटवियर, शादी एवं ग्रीटिंग कार्ड, ड्राई फ्रूट, मिठाइयां,फल, शादियों में इस्तेमाल होने वाला पूजा का सामान, किराना, खाद्यान, डेकोरेशन के आइटम्स, बिजली का उपयोगी सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा उपहार में देने वाली अनेक वस्तुओं आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होने की आशा है !
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने बताया की दिल्ली सहित देश भर में बैंक्वेट हाल, होटल, खुले लॉन, फार्म हाउस एवं शादियों के लिए अन्य अनेक प्रकार के स्थान पूरी तरह तैयार हैं । प्रत्येक शादी में सामान की खरीदारी के अलावा अनेक प्रकार की सर्विस को भी बड़ा व्यापार मिलता हैं जिसमें टेंट डेकोरेटर, फूल की सजावट करने वाले लोग, क्राकरी, कैटरिंग सर्विस, ट्रेवल सर्विस, कैब सर्विस, स्वागत करने वाले प्रोफेशनल समूह, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड-बाजा, शहनाई, आर्केस्ट्रा, डीजे, बारात के लिए घोड़े, बग्घी, लाइट वाले सहित अन्य अनेक प्रकार की सर्विस के इस बार बड़ा व्यापार करने की सम्भावना है ! इसके साथ ही इवेंट मैनज्मेंट भी एक बड़े व्यापार के रूप में उभरा है ।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने बताया की इस एक महीने के शादी के सीज़न में लगभग 5 लाख शादियों में प्रत्येक शादी में लगभग 2 लाख रुपए खर्च होंगे वहीं लगभग 5 लाख शादियों में प्रति शादी खर्च लगभग 5 लाख प्रति शादी होगा , 10 लाख शादियाँ जिनमें 10 लाख प्रति शादी, 4 लाख शादियाँ जिनमें 25 लाख प्रति शादी , 50 हज़ार शादियाँ जिनमें लगभग 50 लाख प्रति शादी एवं 50 हजार शादियां ऐसी होंगी जिनमें 1 करोड़ या उससे अधिक धन खर्च होगा ! कुल मिलाकर इस एक महीने के शादी के सीजन में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये का प्रवाह बाज़ारों में शादी की खरीदी के माध्यम से होगा !