कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए विधायक गीता जैन ने किया विरोध प्रदर्शन

क्या संविधान मे लिखी बात कभी सच होगी कि-
“कानून सब के लिए बराबर है”

हिन्द सागर (चतुर्भुजा पाण्डेय)। 5 जून विश्व पर्यावरण के दिन पर्यावरण को भूल मिराभाईंदर विधायक गीता जैन ने सुबह भायंदर वेस्ट जैन मंदिर के सामने एक निषेध आंदोलन किया। उस निषेध आंदोलन में सैकड़ों की संख्या में जनता एकत्रित होकर अनूप मंडल नामक एक संस्था के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के नारे लगाए।
इस बीच कोरोनावायरस नियमों की धज्जियां उड़ाई गई, सोशल डिस्टेंसिंग का कोई मायने नहीं रहा।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सरकार के द्वारा बनाए गए नियम सिर्फ जनता के लिए होते हैं या इस पर नेताओं के ऊपर भी कार्यवाही हो सकता है।

दरअसल कुछ दिन पहले अनूप मंडल द्वारा एक बुक निकाला गया था जिसमें जैन धर्म मुनियों और हिंदू समाज के बारे मे दुश्प्रचार करते हुए कोरोना महामारी फैलाने का आरोप लगाया गया था। उसी का विरोध करते हुए गीता जैन ने भायंदर पश्चिम के जैन मंदिर के सामने आवाहन करके धरना प्रदर्शन किया है।

ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले इसी मामले में भाईंदर के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता ने विरोध दर्ज कराते हुए भायंदर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था जिस पर जांच कार्यवाही शुरू है।
अब जिस मामले में एफ आई आर दर्ज हो चुका हो और पुलिस द्वारा जांच कार्यवाही कर रही हो उस मामले में पुनः धरना प्रदर्शन करना अपने आप में एक राजनीतिक स्टैंड दिखाई पडता है। इसी राजनीतिक स्टंट को अंजाम देते हुए गीता जैन ने तहसील को ज्ञापन देकर बिना परवानगी के कोविड-19 की धज्जियां उड़ाते हुए धरना प्रदर्शन किया। गीता जैन ने धरना प्रदर्शन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमने इतना भीड इकठ्ठा नहीं किया हमने तो हर जैन संध से एक-एक व्यक्ति को आने के लिए कहा था पर जनता के बीच अनूप मंडल संस्था की कार्यशैली को लेकर जो जनाक्रोश है उसी कारण ये भीड यहाँ एकत्रित हो गई है।
महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार होने का हवाला देकर कार्यवाई कराने के सवाल पर गीता जैन ने कहा की हमें हमारी सरकार पर पूरा भरोसा है फिर भी जन-आक्रोश उन तक पहुँचाना जरूरी है।

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर सोशल मीडिया में किए जा रहे दुष्प्रचार पर कानून बनाने के बारे में पूछे गए सवाल पर गीता जैन ने कहा कि अगर ऐसा कोई कानून बना तो विधानसभा में उस कानून को मेरा पूरा समर्थन रहेगा और मैं चाहती हूं कि किसी की भी भी धार्मिक भावना को आहत ना किया जाए।

इस तरह कोविड-19 के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए विरोध प्रदर्शन किए जाने पर पत्रकारों ने तहसीलदार से सवाल किया तो तहसीलदार ने कहा कि इनको एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करने का कोई परवानगी नहीं दिया गया है। नियमो के विरुद्ध जाने पर कार्यवाही के लिए पुलिस प्रशासन यहां मौजूद है, कार्यवाही के बारे में आप लोग पुलिस प्रशासन से इसकी जानकारी ले सकते हैं।

तहसीलदार के जबाब के बाद पुलिस प्रसाशन ने पत्रकारों के सामने किसी तरह की कोई परवानगी न देने की बात बताते हुए उनके ऊपर महाराष्ट्र पुलिस एक्ट की धारा 69 के तहत कार्यवाई करने को कहा।
इसी मामले पर जैन मंदिर के मुख्य ट्रस्टी ने पत्रकारों के सवालों का जबाब देते हुए कहा जैन देरासर ट्रस्ट के भीतर कुछ भी नहीं हुआ है। जो भी विरोध प्रदर्शन हुआ है। वह परिसर के बाहर है। और इसको सभी जैन संघो का पूरा समर्थन है।

अनूप मंडल द्वारा धार्मिक मामलो का गलत प्रचार हो या गीता जैन द्वारा किए जा रहे राजनीतिक स्टंट इन सब के बीच एक आम आदमी जैन धर्म से संबंध रखने वाला व्यक्ति इन सभी मामलो से बुरी तरह आहत से है।