रेप पीड़िता के परिचय को उजागर करने के मामले में तथाकथितो पर आपराधिक मामला दर्ज करने की माँग

मीरा भायंदर की महापौर ज्योत्सना हस्नाले तथा मीरा भायंदर महानगरपालिका वार्ताहार संघ ने सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन की उड़ाई धज्जियां

रेप पीड़िता तथा परिजनों की जानकारी उजागर करके महापौर तथाकथित पत्रकार संघ ने किया अपराध

हिन्द सागर भायंदर (संवाददाता)। देश सहित महाराष्ट्र के मुंबई से सटे मीरा भयंदर महानगर पालिका क्षेत्र में भी सोशल मीडिया के नाम पर डेढ़ से ₹2000 का बूम खरीद कर गली गली में कुकुरमुत्ता की तरह तथाकथित पत्रकार पैदा हो गए हैं, ऐसे तथाकथित पत्रकारों में कुछ ऐसे भी पत्रकार हैं जिनको पत्रकारिता की कुछ भी जानकारी नहीं है, वह बस खबर के नाम पर कुछ भी बना कर सोशल मीडिया के प्लेटफार्म यूट्यूब पर डालते रहते हैं। ऐसे तथाकथित गैर जिम्मेदार पत्रकारों की वजह से देश समाज में कभी-कभी बड़ा संकट पैदा हो जाता है। ऐसा ही एक मामला इन दिनों मीरा भयंदर मनपा क्षेत्र मे आया है। यहाँ के कुछ पत्रकारों की पत्रकारिता से न्याय प्रणाली का नियम तार-तार हो गया है।
प्राप्त समाचार के मुताबिक आज से लगभग 1 माह पूर्व भयंदर वेस्ट में एक बस ड्राइवर द्वारा 4 साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था। इस घटना के एक महीने बीत जाने के बाद कुछ चमकेश सोशल मीडिया के पत्रकारों ने बच्ची के परिवार को मदद के नाम पर सारी हदें पार करते हुए बोली लगा दी। सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के अनुसार उन्हें 2 वर्ष की सजा और जुर्माना भी हो सकता है। तथाकथित पत्रकारों ने मासूम बच्ची के इलाके तथा उसकी मां की जानकारी वीडियो फोटो सहित सोशल मीडिया पर डालकर भारतीय दंड संहिता की धारा 228 (ए) के तहत अक्ष्मय अपराध किया है। साथ ही साथ पत्रकारिता को भी कलंकित करने का काम किया है।
इस अमानवीय कृत्य मे सोशल मीडिया तथा मिराभाईंदर के तथाकथित पत्रकार संघ “मीरा भायंदर महानगर पालिका वार्ताहार संघ” के संस्थापक अध्यक्ष राजेंद्र कांबले तथा वर्तमान अध्यक्ष राजदेव तिवारी महापौर ज्योत्सना हसनाले सहित अनेक पत्रकारों ने पीड़िता के घर के पास मजमा लगा कर पीड़िता के मां की पहचान को उजागर करते हुए कुछ लोगों से मदद दिलवाने का न्यूज़ सोशल मीडिया पर चलाई है। ये तथाकथित लोग मदद करने के साथ चमकेश गिरी के चक्कर में सर्वोच्च न्यायालय के उस गाइड लाइनों की धज्जियां उड़ा दी जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि रेप पीड़िता तथा उसके परिजनों के परिचय, निवास स्थान, तथा रिश्तेदारों, दोस्तों की जानकारी कभी भी उजागर नहीं की जाएगी। ताज्जुब की बात यह है कि जब कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही थी तो उस समय मीरा भायंदर के महापौर ज्योत्सना हस्नले सहित कई वरिष्ठ पत्रकार स्वयं इस अपराध का सहभागी बने। जो बहुत निंदनीय और शर्मनाक घटना है। ऐसे जिम्मेदार लोगों से ऐसे घटिया कार्यों की उम्मीद तो कतई नहीं की जा सकती है।
गौरतलब हो कि मीरा भयंदर से प्रकाशित हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र हिंद सागर ने रेप पीड़िता के परिजनों के परिचय को उजागर करने के मामले में भयंदर के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, एसीपी भयंदर, डीसीपी जोन-1, पुलिस आयुक्त मीरा भयंदर वसई विरार, डीजीपी महाराष्ट्र, गृह मंत्री महाराष्ट्र, मुख्यमंत्री महाराष्ट्र, मुख्य न्यायधीश मुंबई हाई कोर्ट, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय कानून मंत्री, मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्री सहित अनेक लोगों को अपने शिकायत पत्रों के माध्यम से जिन लोगों ने रेप पीड़िता के परिजनों का परिचय उजागर किया है उनके विरुद्ध तुरंत भारतीय दंड संहिता की धारा 228 (ए) के तहत मामला दर्ज करने की अपील की है। मासूम की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले इन आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजने की उम्मीद जताई जा रही है।