आईआरसीटीसी : कैंटीनों के जरिए हो रहा भ्रष्टाचार का कारोबार

हिन्द सागर। पूर्वोत्तर रेलवे आरपीएफ ने कुछ दिन पहले गोरखपुर में गाड़ी संख्या 02558 को चेक करने के दौरान अवैध रूप से वेडिंग करते हुए कुछ लोगों को पकड़ा। जांच के दौरान खाने-पीने के सामानों के अलावा रेलवे द्वारा जारी “यात्रा पास” भी उन लोगों से बरामद हुआ। जांच के बाद पता चला कि उक्त पास की एक्सपायरी डेट में खोड़खाड़ की गई थी।
उल्लेखनीय है कि गाड़ी संख्या 05097/98, अमरनाथ एक्स. के खानपान का ठेका बंगलौर की कैटरिंग फर्म सीमा कैटरर्स को आईआरसीटीसी द्वारा आवंटित किया गया था। जानकारी के अनुसार कोविड पीरियड में बिक्री न होने के कारण सीमा कैटरर्स ने ऑन बोर्ड खानपान सेवा प्रदान करने से मना कर दिया था।

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्टेशन सुपरवाइजर/आईआरसीटीसी, गोरखपुर एवं अन्य की मिलीभगत से चलती गाड़ियों में खुलेआम अवैध वेडिंग कराई जा रही थी। पूर्वोत्तर रेलवे आरपीएफ ने पकड़े गए अवैध वेंडर्स के बारे में स्टेशन सुपरवाइजर संजीव गुप्ता को बुलाकर कागज-पत्रों की वास्तविकता की जानकारी ली थी। सूत्रों का कहना है कि गुप्ता ने इस मामले की सच्चाई छिपाते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह किया और उन्हें अवैध वेंडर्स को खुद के द्वारा पकड़े जाने की जानकारी दी।

विजिलेंस ने पकड़ा था सुपरवाइजर को रंगेहाथ

बताते हैं कि इसके पहले भी कोविड पीरियड के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में निर्धारित (380 ग्राम) मात्रा से कम (लगभग आधी मात्रा, बमुश्किल 150 से 180 ग्राम तक) खाने की सप्लाई करते हुए आईआरसीटीसी की विजिलेंस टीम ने रंगेहाथ संजीव गुप्ता को पकड़ा था, लेकिन अपने आपको आईआरसीटीसी के उच्च अधिकारियों का खास होने का प्रचार करने वाले इस सुपरवाइजर का आज तक कोई बाल भी बांका नहीं हुआ। इस मामले में सप्लायर की सिफारिश पर अभी काफी बड़ा खुलासा होना बाकी है।