अमेरिका। अमेरिका के लोकतंत्र के लिए आज बड़ा दिन है. बीते दिनों तमाम चुनौतियों और संघर्षों से गुजरने के बाद आखिरकार अमेरिका को उसका 46वां राष्ट्रपति (46th President) मिल गया. बुधवार को डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन (Joe Biden) ने भारतीय समयानुसार रात 10:18 बजे राष्ट्रपति पद की शपथ ली. उनके साथ कमला हैरिस (Kamala Harris) ने उप-राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण की. बेहद कड़ी सुरक्षा और कोरोना के चलते खास तैयारियों के बीच राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण कार्यक्रम अमेरिकी संसद कैपिटल (Capitol) के सामने आयोजित किया गया था.
बीते 3 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को मात दी थी.
अमेरिकी चुनाव 2020 में जो बाइडेन को 8,12,83,485 वोट हासिल हुए थे जबकि डोनाल्ड ट्रंप को 7,42,23,744 वोट मिले थे. चुनाव से लेकर शपथ ग्रहण तक का सफर बाइडेन के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा क्योंकि ट्रंप ने धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव परिणामों को खारिज कर दिया था. उन्होंने कई जगहों से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन उनके हाथ सिर्फ निराशा लगी.
कमला हैरिस ने ली उप राष्ट्रपति पद की शपथ
वहीं बाइडेन ने चुनाव में जीत हासिल करने के बाद अपने प्रशासन के गठन की तैयारियां शुरू कर दी थीं. इलेक्टोरल कॉलेज के वोट हासिल करने के बाद उनका राष्ट्रपति बनना तय हो गया था. इस बीच ट्रंप अपनी जीत का दावा करते रहे. मालूम हो कि बाइडेन ने अपनी टीम में 20 भारतीय मूल के अमेरिकियों को जगह दी है.
6 जनवरी को अमेरिकी संसद कैपिटल में इलेक्टोरल वोटों की गिनती के बाद राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन के नाम का औपचारिक ऐलान होने वाला था. संसद की कार्यवाही के दौरान ट्रंप समर्थकों की भीड़ ने कैपिटल पर हमला बोल दिया और कार्यवाही स्थगित हो गई. दंगा भड़कने के बाद स्थिति को काबू करने के लिए नेशनल गार्ड के सदस्यों को बुलाना पड़ा और वॉशिंगटन में लॉकडाउन लगा दिया गया.
बाइडेन ने ली शपथ
इस घटना के बाद वैश्विक स्तर पर ट्रंप की काफी आलोचना हुई और उन्हें डेमोक्रेटिक सांसदो की ओर से अपने कार्यकाल के दूसरे महाभियोग का सामना करना पड़ा. ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का 10 रिपब्लिकन सांसदों ने भी समर्थन किया था. दंगों के बाद ट्रंप सत्ता हस्तांतरण के लिए राजी हो गए थे.
एफबीआई ने अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के दौरान हथियारबंद विरोध प्रदर्शनों की चेतावनी थी. मंगलवार को नेशनल गार्ड के दो सदस्यों को बाइडेन इनॉगरेशन की सुरक्षा से हटा दिया गया था क्योंकि उनके संबंध दक्षिणपंथी मिलिशिया समूहों से थे. चुनाव परिणामों को चुनौती, कोर्ट केस, दंगे, एफबीआई की चेतावनी के बाद आखिर बाइडेन ने शपथ ले ली है और आने वाले चार साल के लिए अमेरिका का भविष्य उनके हाथों में है.