श्रम कानून के नियमो मे बदलाव कर लाखो कर्मचारियों को सौगात दे सकती है मोदी सरकार

हिन्द सागर दिल्ली। केंद्र सरकार एक बड़ा फैसला ले सकती है। नए श्रम कानूनों को लेकर श्रम मंत्रालय, उद्योग प्रतिनिधि और लेबर यूनियन से जुड़े लोग बैठकर चर्चा करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आज होने वाली बैठक में आखिरी दौर की बातचीत होगी। रिपोर्ट के अनुसार बैठक में लेबर यूनियनों की उठाई गई पीएफ और अर्जित अवकाश की सीमा बढ़ाने की मांग पर फैसला हो सकता है।
वहीं भारतीय मजदूर संघ ने सरकार से मांग की है कि कर्मचारी राज्य बीमा योजना के समरूप ईपीएफ के तहत मानदंड 15 हजार मासिक वेतन से बढ़ाकर 21 हजार रुपए किया जाए। यूनियन के लोग चाहते हैं कि अर्जित अवकाश की सीमा 240 से बढ़ाकर 300 दिन किया जाए।
साथ ही सरकार से भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों, बीड़ी श्रमिकों, पत्रकारों, श्रव्य दृश्य श्रमिकों और फिल्म क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों के लिए अलग नियम बनाने की भी मांग की है।
बता दें श्रम सुधारों से जुड़े नए कानून सितंबर 2020 में पास हुए थे। अब सरकार इस कोशिश में है कि इन्हें इस साल वित्तवर्ष में लागू कर दिया जाए। केंद्र सरकार ने इसके लिए सभी हितधारकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर एक बैठक की थी। तब कई लेबर यूनियनों मीटिंग का बहिष्कार कर दिया था. ऐसे में 20 जनवरी को होने वाली बैठक आमने-सामने हो सकती है।
मामले से जुड़े अधिकारी के अनुसार ये कानूनों पर अंतिम चर्चा होगी। सभी मुद्दों पर समाधान निकालने की कोशिश है। इसके बाद नियमों का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।