मुख्यमंत्री गहलोत की उपेक्षा से ब्यथित फरियादियों ने गृहमंत्री आवास के लिये शुरू किया दण्डवत यात्रा ———————
● न्याय के लिए तीन सौ किमी पैदल चलकर जयपुर पहुंचे पर नही मिला मुख्यमंत्री से न्याय
● राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पीड़ित परिवार से मिलने से इंकार.
● प्रशासन का बेतुका रवैया, येन केन प्रकारेण मामले दबाने का प्रयास.
● पूरे भारत में फैले प्रजापति समाज में सरकार और प्रशासन के प्रति घोर निराशा, दिन प्रतिदिन आक्रोश मे बढोत्तरी.
● बेंगलुरु के प्रजापति समाज की बड़े पैमाने पर आन्दोलन की तैयारी.
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रमेश कुमार – हिन्द सागर कर्नाटक की कलम से
हिन्द सागर न्यूज- बेंगलुरु, नागौर के मेड़ता सिटी में 22 जून 2020 को बृद्ध महिला छोटी देवी प्रजापति का लापता होना, और दूसरे दिन अग्रवाल भवन मेड़ता सिटी में लाश मिलने की खबर जंगल मे लगी आग की तरह देश मे फैले प्रजापति समाज को झंकृत कर गई।
छोटी देवी जघन्य हत्याकांड के खुलासे और दोषियों को जेल के सीकचे के पीछे पहुचाने की मांग को लेकर सथानीय प्रशासन एवं पुलिस से इन्साफ की गुहार करने लगे किन्तु पुलिस के नकारात्मक रवैये को देखते हुए उनके परिजन और समाज के लोग 300 किलो मीटर पैदल चलकर जयपुर मुख्यमंत्री आवास पहुचें इस आशा से पहुंचे कि हमारी फरियाद जरुर सुनी जायेगी किन्तु मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीड़ित परिवार को तसल्ली देने को कौन कहे मिलने तक की जहमत नहीं उठाया।
इस उपेक्षा से दुखी और क्षुब्ध परिवार ने मुख्यमंत्री आवास से ही दिल्ली गृहमन्त्री से मिलकर इंसाफ के लिए दण्डवत यात्रा शुरू कर दी। राजस्थान की पुलिस हत्यारो को अब तक गिरफ्तार करने में विफल रही, पुलिस प्रशासन का रवैया घोर निंदनीय और आसामाजिक रहा, रास्ते में हर कदम पर अड़चने पैदा करना, यात्रा को समाप्त करने के लिए पुलिसिया हथकण्डा अपनाना, प्रलोभन व झूठे वायदे करना, यहां तक कि डराने धमकाने का भी प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री आवास पर पहुँचने के बाद भी पुलिस प्रशासन षड्यंत्र करता रहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात न हो और वो सफल भी रहे।
शासन प्रशासन के रवैये दुखी परिवार और प्रजापति समाज के लोग इसे जन आंदोलन बनाने की मुहिम में लग गए हैं और इंसाफ न मिलने तक संघर्ष जारी रखने का प्रण ले चुके हैं। एक ओर जहाँ छोटी देवी के हत्या ने पूरे देश के प्रजापति समाज को आघात पहुचाया है वही दूसरी ओर समाज के लोग जो जहाँ हैं वहीं संगठित हो कर आर पार की लडाई लडने के लिये आगे आ रहे हैं।यदि इस मामले में उच्च स्तरीय हस्तक्षेप शीघ्र नहीं होता है तो स्थिति बदतर हो सकती है।