अटकलों पर लगा विराम… गीता के हाथ धनुष की कमान

अब देखना यह है कि गीता के बाण से किस-किस बुराईयों का होगा अंत

हिन्द सागर मीरा भाईंदर। महाराष्ट्र के मिराभाईंदर भाईंदर 145, विधानसभा क्षेत्र की निर्दलीय विधायक गीता जैन ने भाजपा छोड शिवसेना का दामन थाम लिया है।


ज्ञात हो कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में मीरा भाईदर की निर्दलीय विधायक गीता भरत जैन ने अपने ही पार्टी के चिर प्रतिद्वंद्वी नरेंद्र मेहता को हराकर प्रचंड विजय हासिल किया था। दशकों से भाजपा में रहने वाली गीता जैन भाजपा की नगरसेविका के साथ साथ मीरा भाइंदर मनपा की महापौर भी रह चुकी है, और पिछले विधानसभा चुनाव मे असंभव सा लगने वाला जीत संभव कर “निर्दलीय चुनाव लड़कर” भाजपा के विधायक नरेंद्र मेहता को हराया था। हालांकि गीता जैन ने विधायक बनने के बाद भाजपा मे प्रवेश भी लिया था पर ज्यग़दा दिन ऐसा चला नही क्योंकि
भाजपा में उनकी अनदेखी होने लगी। इसका परिणाम हुआ कि अंतत: गीता जैन मातोश्री जाकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समक्ष शिवसेना में शामिल हो गयी

भाजपा में पड सकती है फूट
गीता जैन के शिवसेना मे प्रवेश से मीरा भाईंदर की राजनीति में हलचल सा मच गया है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो ऐसा माना जा रहा है कि गीता जैन के संपर्क में रहने वाले भाजपा के 13 से 15 नगरसेवक भी शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। विधायक गीता जैन के शिवसेना में शामिल होने मे जहाँ पालक्रमंत्री एकनाथ शिंदे, सांसद राजन विचारे, विधायक प्रताप सरनाईंक, पूर्व विधायक गिल्बर्ट मेँडोंसा, मीरां भाईंदर विधानसभा क्षेत्र १४५ प्रमुख विक्रम प्रतापसिंह की अहम भूमिका रही वहीं भाजपा खेमे में मेहता के अंधभक्तों द्वारा की गईअनदेखी ने गीता जैन का झूकाव शिवसेना की तरह बढाया। अब देखना ये है कि गीता जेन के शिवसेना में शामिल होने से उनका कद कितना बढता है तथा भाईंदर का कितना विकास हो पाता है यह आने वाला समय बताएगा ।


मिराभाईंदर होगा शिवसेना मय
विधायक गीता जैन के शिवसेना मे शामिल होने से भाईंदर मे सेना का पक्ष मजबूत होता दिख रहा है। उदार छवि की मिलनसार, जननायक कार्यकौशल युक्त जैन के महापौर कार्यकाल मे ही भाईंदर का बहुतायत विकास हुआ था। जिससे जनता के बीच उनकी लोकप्रियता बढी थी। उनके इसी पिछले कार्यों की तुलना कर राजनैतिक पंडित यह कयास लगा रहे हैं कि सम्भवतः मिराभाईंदर मनपा मे अगली सरकार शिवसेना की ही बने।