कंगना पर एक्शन से शरद पवार और उद्धव में बिगड़े राजनीतिक हालात

कंगना रनौत के दफ्तर पर बीएमसी के द्वारा लिए गए एक्शन से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है. कंगना लगातार उद्धव सरकार पर आक्रामक हैं, इस बीच बीजेपी ने भी हमला बोला है. जबकि शिवसेना के साथी एनसीपी और कांग्रेस मामले से कन्नी काट रहे हैं.

स्टोरी हाइलाइट्स

  • कंगना रनौत और उद्धव सरकार में तकरार जारी
  • शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच हुई मुलाकात
  • पवार ने एक्शन को बताया था गैर-जरूरी

अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना के बीच शुरू हुई जुबानी जंग अब महाराष्ट्र सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई है. कंगना की ओर से अब संजय राउत को छोड़ सीधा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा जा रहा है. इस बीच बीते दिनों एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार के फैसले को गैर-जरूरी करार दिया था, जिसके बाद उनकी मुलाकात उद्धव ठाकरे से भी हुई थी. इस बैठक में कंगना रनौत के मसले पर क्या मंथन हुआ और आगे क्या रुख रह सकता है इसपर एक नज़र डालिए.

सूत्रों की मानें, तो शरद पवार की ओर से उद्धव ठाकरे को साफ संदेश दिया गया कि कंगना रनौत के मसले को पूरी तरह से इग्नोर किया जा सकता था. ऐसे में ये मसला इस तरह इतना बड़ा ना बनता, जैसा अभी बन गया है.

हालांकि, उद्धव ठाकरे की ओर से शरद पवार को कहा गया कि इस तरह के एक्शन की जरूरत थी. उद्धव के मुताबिक, उनकी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है और ये बीजेपी की ओर से किया जा रहा है. जहां पर कंगना का इस्तेमाल कर सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. 

बैठक में उद्धव ने कहा कि कोरोना संकट से लेकर पालघर की घटना तक और फिर सुशांत सिंह राजपूत की मौत और अब कंगना रनौत का विवाद, ये सभी सरकार को बदनाम करने की साजिश है. उद्धव ने बैठक में शरद पवार को कहा कि इस तरह हर किसी की छवि को बिगाड़ा जा रहा है, ऐसे में वक्त जवाब देने का है. 

सूत्रों की मानें, तो कंगना के मसले पर मौजूदा स्थितियों में शरद पवार ने उद्धव का समर्थन किया है. हालांकि, उन्हें किसी तरह के विवाद से बचने की सलाह भी दी है. आपको बता दें कि बुधवार को जब कंगना रनौत के दफ्तर पर बीएमसी ने एक्शन लिया था उसके बाद शरद पवार का बयान सामने आया था. जिसमें उन्होंने इस एक्शन को गैर-जरूरी करार दिया था और कहा था कि मुंबई में इस प्रकार के कई अवैध कब्जे हैं.

सिर्फ शरद पवार ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र में सत्ता में शामिल कांग्रेस ने भी इस मसले से किनारा किया है और नेताओं ने इस एक्शन को गलत करार दिया है. इस पूरे मामले के बाद हाईकोर्ट ने भी अपनी टिप्पणी में कहा था कि अगर ऐसा एक्शन मुंबई में होने लगा तो शहर की शक्ल ही बदल जाएगी.