★ *कोविड-19 को ध्यान में रखकर गणपति विसर्जन के लिए बनाए गए थे नियम*
★ *विसर्जन मे दिख रहा म hbनपा व पुलिस प्रशासन का सहयोगात्मक रवैया*
चतुर्भुजा पाण्डेय
चतुर्भुजा पाण्डेय ————–
ठाणे। कोरोना महामारी को देखते हुए मनपा प्रशासन द्वारा गणपति मुर्ति स्थापना से लेकर विसर्जन तक के लिए दिशानिर्देश जारी किया गया था। इस दिशानिर्देश का पालन करते हुए शहर के सभी नागरिकों ने प्रशासन को सहयोग को किया तथ मुर्ति विसर्जन शुरू कर दिया है।
*गणेश विसर्जन कि प्रथा*
आम तौर पर गणपति पूरे देश मे धूमधाम से मनाया जाता है पर महाराष्ट्र मे गणपति का त्यौहार विषेश रुप मे मनाया जाता है। महाराष्ट्र में गणपति की स्थापना हर 10 मे से 6 घरो मे होता है। इसी तरह से गणपति मुर्तियों के विसर्जन के लिए भी डेढ़ दिन, तीन दिन, पाँच दिन, सात दिन व 11 दिन की अवधी का प्रवधान है। कुछ विषेश गणपति मंडल की मुर्तियाँ 21 दिन में भी विसर्जित किए जाने की परम्परा है।
*प्रशासन का सहयोग*
गणपति विसर्जन मे प्रशासनिक अमले के लोगों पूर्व निर्धारित जगह पर स्टाल लगाकर मुर्तियो को जमा कर रहे हैं। जमा की गई प्रतिमाओं को एक निर्धारित मात्रा में लेजाकर पूर्ण सम्मान के साथ विसर्जित कर रहे है।
- *नागरिकों का उत्साह*
कोरोना महामारी मे आर्थिक तंगी के बाद भी गणपति पर्व का उत्साह लोगों मे अपने चरम पर है। प्रशासन द्वारा बडी प्रतिमाओं पर प्रतिबंध के साथ ही पुजा पाठ व विसर्जन तक के लिए सख्त नियम बनाए जाने के बाद भी लोगों मे गणपति उत्सव का उत्साह देखते ही बनता है।
*कोरोना आपदा को अवसर मे बदलते लोग*
कोरोना काल ने लोगों को सिमित संसाधन मे पूर्ण उत्साहित रहना सिखा दिया है। जिस तरह की आपदा कोरोना काल मे आई की हर त्यौहार के लिए कुछ न कुछ विषेश नियम निर्मित करने पडे। इन सभी नियमो की आपदा को लोगों ने अवसर मे बदल कर रख दिया है। ऐसे ही आपदा को अवसर मे बदलने वाले भैरव रेसिडेंसी निवासी सतीश मिश्रा ने बताया कि मेरे घर पर डेढ दिन के लिए गणपति बप्पा का आगमन हुआ। जिसके विसर्जन के लिए हम लोगों ने अपने बिल्डिंग परिसर मे ही एक बडे ड्रम मे पानी भरकर दूध, अक्षत, गंगाजल, कुमकुम, केशर इत्यादि डालकर पूरे प्रफुल्लित मन से विसर्जन किया तथा ड्रम के जल को पेड पौधो मे डाल दिया गया।