- उल्हासनगर महानगरपालिका में ‘हियरिंग घोटाला’, भुल्लर महाराज की शिकायत पे तबादला हुआ ललित खोब्रागड़े का ।
उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगरपालिका का नगर रचना विभाग का सहायक संचालक ललित खोब्रागड़े इसी हफ्ते हटा दिया गया है। मतलब वे डेप्युटेशन पे आए थे । तो वापस उसके मूल पद पर भगा दिया गया है। ललित खोब्रागड़े के खिलाफ शिवसेना के वरिष्ठ नगरसेवक राजेन्द्रसिंह भुल्लर (महाराज) ने शिकायत की थी। ललित खोब्रागड़े ने एक केस के सिलसिले में हियरिंग रखी थी। शिकायतकर्ता भुल्लर महाराज को बुलाकर खुद गायब हो गया। अपना मोबाइल फोन भी बंद कर दिया। उल्हासनगर महानगरपालिका के अधिकारी, कर्मचारी, चपरासी, दरबान सब घोटाले की तलाश में रहते हैं। ऐसे में ललित खोब्रागड़े पीछे कैसे रहता। उसने एक नया तरीका ईजाद किया था। भुल्लर महाराज ने कोहिनूर बिल्डर्स सहित कुछ बिल्डरों के अवैध निर्माण के खिलाफ शिकायत की थी। इसके लिए ललित खोब्रागड़े ने 13 मई 2025 को हियरिंग रखी थी। बिल्डर की तरफ से कोई नहीं आया। उसके वकील ने अगली तारीख 30 मई 2025 मांग ली। 30 मई 2025 को भुल्लर महाराज हियरिंग पर फिर पहुंचे तो ललित खोब्रागड़े गायब हो गया। मोबाइल फोन भी बंद कर दिया था। इस बार भुल्लर महाराज ने ललित खोब्रागड़े के खिलाफ शिकायत कर दी। प्रतिफल इसी हफ्ते ललित खोब्रागड़े का तबादला हो गया। उसकी जगह पे अजय साबले लाया गया है । महाराष्ट्र नगररचना अधिनियम 1966 की धारा 44 और 45 के तहत महानगरपालिका भवन निर्माता को निर्माण की परमीशन देती है। इस कार्य के लिए विकासक और वास्तु विशारद जिम्मेदार होते हैं। यदि विकासक अवैध निर्माण करता है और शिकायत मिलती है तो महाराष्ट्र महापालिका अधिनियम की धारा 258 और महाराष्ट्र नगररचना अधिनियम की धारा 51 के तहत महानगरपालिका विकासक और वास्तु विशारद को नोटिस जारी कर शिकायत के समाधान के लिए महानगरपालिका बुला सकती है। सुनवाई के बाद यदि पाया गया कि विकासक ने अवैध निर्माण किया है तो महानगरपालिका उसे तोड़ने की अधिकारी हो जाता है। पर यह उल्हासनगर है। ललित खोब्रागड़े ने भुल्लर महाराज की शिकायत पर एक हियरिंग कर ली थी। परन्तु ललित खोब्रागड़े ने भुल्लर महाराज को यह मैसेज दिया कि शिकायत पर हियरिंग का कोई प्रावधान नहीं है। भुल्लर महाराज ने जिस अवैध निर्माण के खिलाफ शिकायत की थी वह विधायक कुमार आयलानी की है। वर्तमान में उल्हासनगर का सबसे बड़ा चीटर अजीत भाटिया उसमें पार्टनर है। सबको मालूम है कि कुमार आयलानी जन प्रतिनिधि (विधायक) कम बिजनेसमैन ज्यादा है। उसके सारे निर्माण अवैध हैं। नाले पर कब्ज़ा करता है। सरकारी जमीन पर कब्ज़ा करता है। अवैध धंधे वालों को संरक्षण देता है। यह सब फ्री में तो करता नहीं। महानगरपालिका अधिकारियों को उनका हिस्सा इमानदारी से दे देता है। उसमें बेइमानी नहीं करता। ललित खोब्रागड़े को भी दबा कर दिया था। ललित खोब्रागड़े ने अपने ऊपर वालों को भी दिया था। इसलिए हियरिंग पर मोबाइल बंद कर फरार हो गया था। परिणाम में उसका तबादला हो गया। ललित खोब्रागड़े की जगह पर अब अजय साबले आए है ,अब देखना होगा साबले इस विषय पर क्या करवाई करते है ।