- के.एम. अग्रवाल महाविद्यालय के 157 कर्मचारी लोगों पर अनुसूचित जाती जमाती मामला दर्ज ।
- के.एम. अग्रवाल महाविद्यालय में मचा हड़कंप ।
कल्याण : के. एम. अग्रवाल कला-वाणिज्य-विज्ञान माहाविद्यालय के अन्यायकारी निलंबन के खिलाफ 2019 से न्याय के लिए लड़ाई लड़ रहे भाऊराव रामदेव तायडे को अब न्याय मिलने की उम्मीदें जग उठी है। तायडे कि शिकायत पर खड़कपाड़ा पुलिस ने कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अनिता मन्ना सहित कॉलेज शिक्षक, स्टॉपर, पिवून सहित कुल 157 लोगों पर अनुसूचित जाती जमाती 3(1)V, 3(1), 3(1), 3(1), 3(1) 3(1) के तहत गुरुवार की देर शाम मामला दर्ज किया गया है। महाराष्ट्र के इतिहास में शायद यह पहली ऐसी घटना होगी। भाऊराव नामदेव तायडे 2001 में के.एम. अग्रवाल कॉलेज के ग्रंथालय में बतौर परिचर पद पर नौकरी पर लगे और 18 वर्षों तक कॉलेज के ग्रंथालय में नियमित रूप से अपना काम किये। 2019 में कॉलेज के संचालक अध्यक्ष डा.आर.बी.सिंह और प्राचार्य डॉ. अनिता मन्ना ने भाऊराव पर झूठे आरोप लगाकर तुगलकी फरमान जारी करते हुए भाऊराव तायडे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। डॉ. आर.बी. सिंह और प्राचार्य डा. अनिता मन्ना के तुगलकी फरमान की शिकायत भाऊराव तायडे ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाती जमाती आयोग सहित शिक्षण विभाग के कोकण विभागीय आयुक्त से किया था। विभागीय आयुक्त ने 5/2/2020 के दिन कॉलेज की प्राचार्य नेता मन्ना और भाऊराव दोनों को अलब कर दोनों पक्षों की बाजू सुनने के बाद 27/2/2020 के दिन भाऊराव कडे का निलंबन रद कर वापस नौकनी पर बहाल करने का आदेश दिया था। कोकण विभागीय सह संचालक के निलंबन रद्द करने वाले आदेश को कॉलेज के सहसचिव ओमप्रकाश (मुन्ना) पांडेय ने उच्चन्यायलय मुंबई में एक पीटिशन दाखिल कर उक्त निर्णय पर स्थगती मांगी थी जो अभी भी न्याय प्रयिप्त है। इस बीच भाऊराय तायडे लगातार न्याय की गुहार लगाते हुए विभिन्न विभागों में पत्रव्यवहार करते रहे। भाऊराव तायते को दबाने के लिए डा. अनिता मन्ना के आदेश पर कॉलेज के दर्जनों कर्मियों व शिक्षकों ने तावडे के खिलाफ डीसीपी, ए.सी.पी.में कई झूठी शिकायती अर्जी पाइल करवाई, लेकिन भाऊराव तायडे सच्चाई के मार्ग पर हटे सी। बाऊराव को दबाने के लिए खड्कापाड़ा पुलिस स्टेशन के तत्कालीन पी.आय. शरद झीने ने कई बार स्टेटमेंट के बहाने तायडे को तलब किया और स्टेटमेंट दर्ज किया. परन्तु कार्यवाही शून्य यो। कॉलेज प्रचार्य डा. अनिता मन्ना सहित 157 कर्मियों पर अनुसूचित जाती जमाती अंतर्गत गुन्हा दर्ज करने के पहले कल्याण के एक बड़े पुलिस अधिकारी ने कॉलेज के ट्रस्टी सदस्यों को बुलाकर भाऊराव तायडे का निलंबन रद्द कर उन्हें वापस नौकरी पर बहाल किये जाने की पैरवी की थी, परन्तु कॉलेज के ट्रस्टतीऔ ने पुलिस अधिकारियों को एक नहीं सुनी। उसके बाद आज दोपहर भाऊराव गागडे कि शिकायत पर कॉलेज प्राचार्य डा. अनिता मन्ना सहित 157 बॉलेज कर्मियों पर एट्रासिटी के तहत मामला दर्ज कर लिया है। महाष्ट्र के इतिहास में शायद यह पहला इतना बड़ा मामला होगा।