विरार में नकली पुलिसकर्मी का खेल खत्म, बहरूपिया बनकर करता था वसूली, रंगे हाथों गिरफ्तार

हिन्द सागर संवाददाता, विरार: पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों से ठगी करने वाले बहरूपिये का खेल आखिरकार खत्म हो गया। विरार पुलिस स्टेशन अपराध शाखा की टीम ने आरोपी को नालासोपारा से गिरफ्तार कर लिया है।

पकड़े गए आरोपी का नाम ज्ञानेश्वर पाटिल (35 वर्ष, निवासी मोरेगांव, नालासोपारा पूर्व) बताया जा रहा है।

20 सितंबर को विरार पुलिस स्टेशन में लगातार तीन शिकायतें दर्ज की गईं। शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि एक व्यक्ति खुद को पुलिसकर्मी बताकर राहगीरों को रोकता है और उनसे पैसों की वसूली करता है। कभी वर्दी का रौब झाड़ता तो कभी पुलिस पहचान का हवाला देकर आम लोगों को डराता।

वरिष्ठ निरीक्षक ने दी कार्रवाई की ग्रीन सिग्नल

जैसे ही मामला सामने आया, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक लालू तुरे ने अपराध शाखा को तुरंत जांच के आदेश दिए। टीम ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और मुखबिर से मिली जानकारी पर कार्रवाई शुरू की। आखिरकार मुखबिर की सूचना पर आरोपी का ठिकाना पता चला और उसे नालासोपारा से दबोच लिया गया।

बहरूपिये की चालाकी बेनकाब

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी लंबे समय से इस तरह की हरकत कर रहा था। वह खुद को असली पुलिसकर्मी साबित करने के लिए चालाकी से पेश आता और डरे-सहमे लोगों से पैसों की उगाही कर लेता। कई लोग शर्मिंदगी और डर की वजह से उसके खिलाफ आवाज तक नहीं उठा पाए।

स्थानीयों में दहशत का माहौल

इलाके के लोगों ने बताया कि आरोपी की वजह से आम आदमी सहमा हुआ था। वह जिस आत्मविश्वास से खुद को पुलिस बताता था, लोग उसे सच मान लेते थे। लेकिन शिकायतें दर्ज होने के बाद अब लोगों ने राहत की सांस ली है।

फिलहाल आरोपी ज्ञानेश्वर पाटिल के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि उसने कितने लोगों को अपना शिकार बनाया और क्या इसमें कोई और भी शामिल था।