लिपिक प्रशांत धिवर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार ।
डोंबिवली : कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के लायसंस विभाग में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। शुक्रवार की शाम, लिपिक प्रशांत धिवर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों ने डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। धिवर ने अपने बयान में कहा कि उसने यह रकम अपने सहायक आयुक्त और उपायुक्त के कहने पर ही ली है। इस खुलासे के बाद मनपा में हंगामा मच गया है, क्योंकि इतनी बड़ी रकम एक लिपिक अकेले नहीं ले सकता। सूत्रों के अनुसार, लायसंस विभाग के सहायक आयुक्त प्रसाद ठाकुर लखनऊ जाने वाली ट्रेन में बैठकर कहीं जा रहे थे, जब एसीबी ने उनसे संपर्क किया और कार्यालय आने को कहा। उनके बुलावे पर ठाकुर ने अपनी यात्रा को रद्द कर एसीबी कार्यालय पहुंच गए। वहीं, उपायुक्त अवधूत तावडे से भी पूछताछ की जा रही है। उल्लेखनीय है कि कल्याण के एक व्यक्ति ने अपनी मटन की दुकान का लायसंस दूसरे के नाम करने के लिए अर्जी दी थी, जिसके लिए धिवर ने कथित रूप से दो लाख रुपये की मांग की। अंततः सौदा डेढ़ लाख रुपये में तय हुआ। शिकायतकर्ता ने इसकी जानकारी एसीबी को दी, और मनपा के नजदीक एक चाय की टपरी पर धनराशि स्वीकार करते हुए प्रशांत धिवर को पकड़ लिया गया। इस गिरफ्तारी के बाद मनपा में हंगामा मच गया है। गौरतलब है कि मनपा की स्थापना के बाद से अब तक 39 अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हत्थे चढ़ चुके हैं।