रास्ते का रोड़ा बन सकते हैं निर्दलीय

चतुर्भुजा पाण्डेय @ हिन्द सागर
मीरा-भाईंदर: उत्तर प्रदेश में एक कहावत मशहूर है “थोड़ डर बघवा कै, बड़ा टिप – टिपवा कै” इसका सीधा मतलब है की चुनाव में मुख्य डर विरोधी प्रत्याशी से नहीं बल्कि बगावती और निर्दलीयों से है। निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने में खासा असर रखते हैं।
बता दें की मीरा भाईंदर 145 विधानसभा क्षेत्र में कुल 14 निर्दलीयों ने नामांकन दाखिल किया है। इसमें बीजेपी उम्मीदवार नरेंद्र मेहता को सबसे अधिक खतरा भाजपा परिवार के बगावती सबसे अधिक प्रभावशाली प्रत्याशी निर्दलीय गीता जैन से है। साथ ही अन्य 13 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी समीकरण बिगाड़ सकते हैं।

दो बिल्लियों के झगड़े का लाभ उठाएगा बंदर

मीरा भाईंदर 145 विधानसभा क्षेत्र के समीकरण को देखते हुए कक्षा 3 के हिंदी की किताब में अध्याय 8 पर छपे बंदर बांट की कहानी याद आती है, कहीं ऐसा ना हो कि भाजपा के ही दो प्रबल दावेदारों की लड़ाई में महा विकास अघाडी का उम्मीदवार बाजी मार ले जाए, क्योंकि 2024 में मीरा-भाईंदर की अनुमानित जनसंख्या लगभग 13 लाख के करीब है। जिसमें इस क्षेत्र मे कुल 5,07,452 वोटर है इन वोटरों में पुरुषों की संख्या 266235 है, महिलाओं की संख्या 2,41,213 है, 18 से 19 वर्ष के वोटरों की संख्या 11328 है, दिव्यांगों की संख्या 2210 तथा 85 से अधिक उम्र वालों की संख्या 5061 के करीब है। जिसमें से हर बार की तरह इस बार भी 60% वोट पड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस तरह इन वोटो में से हिंदुओं का वोट 70% , मुसलमानों का वोट 17%, इसाई का वोट प्रतिशत 5%, जैन का वोट 8%, बौद्ध का वोट 1.86% सिख का वोट 0.53% तथा अन्य धर्मावलंबियों का वोट 0.41% है। आंकड़े के अनुसार 60% वोट पड़ने पर कुल 3 लाख वोट पढ़ने की संभावना व्यक्त की जाती है जिसमें से कुल वोट का 17% मुस्लिम मतदाता है जिनका वोट उनके ही कम्युनिटी के प्रत्याशी मुजफ्फर को जाना तय माना जा रहा है मुस्लिम समुदाय का 17% वोट कुल वोट के विभाजन में लगभग 86 हजार वोट होता है। साथ ही महा विकास आघाडी होने के नाते कुछ अन्य धर्म के वोट भी मुजफ्फर को मिल सकते हैं। इस बीच महायुति के 2 लाख वोटो में से दो अति प्रभावशाली उम्मीदवारों के खड़ा होने से वोट की संख्या एक-एक लाख अनुमानित तरीके से मानी जा सकती है जिसमें 13 निर्दलीय उम्मीदवार अगर 25000 वोट काटने में भी सफल हुए तो चुनाव परिणाम महा विकास अघाडी के उम्मीदवार मुजफ्फर हुसैन के तरफ ज्यादा दिखाई पड़ रहा है।
उस वक्त पढ़ाए गए कक्षा तीन के कहानी का सार भी यही था कि बन्दर ने पूरी रोटी खाकर दोनों बिल्लियों के बीच झगड़े को ही समाप्त कर दिया। इसी प्रकार अगर एक-दूसरे की रोटी (वोट) न छीन कर, मिल-बाँट कर खाएँ तो किसी जरूरतमंद बिल्ली के लिए भी खाना बचेगा और सब मिलकर और भी रोटी पका सकते हैं।