हिन्द सागर नई दिल्ली। सरकारी एजेंसियों से मिल रहे जानकारी के अनुसार अगर सब ठीक-ठाक रहा तो आने वाले 15 अगस्त को लालकिले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना महामारी की स्वदेशी वैक्सीन को बाजार में ऊतार सकते हैं। आइसीएमआर और भारत बायोटेक की साझेदारी से तैयार इस वैक्सीन का जानवरों पर परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा है और इसके ह्यूमन ट्रायल (मानव परीक्षण) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आइसीएमआर ने ट्रायल के लिए चुने सभी संस्थाओं को तय समय सीमा के भीतर इसके अनुपालन का सख्त निर्देश दिया है। यदि 15 अगस्त को यह वैक्सीन बाजार में आई तो यह दुनिया में कोरोना की पहली वैक्सीन होगी।
वैसे तो पूरी दुनिया में कोरोना की 140 वैक्सीन पर काम हो रहा है जो ट्रायल के विभिन्न स्तर पर है, इनमें ब्रिटेन के आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और अमेरिकी कंपनी मोडेरना की वैक्सीन को दौ़ड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। दोनों ही वैक्सीन मानव परिक्षण के तीसरे चरण में हैं। वहीं पूर्णतया स्वदेशी तकनीक से तैयार आइसीएमआर-भारत बायोटेक की वैक्सीन को पहले और दूसरे फेज के ह्यूमन ट्रायल की अनुमति सोमवार को दी गई है। जाहिर है इस भारतीय वैक्सीन को दौ़ड़ में पीछे माना जा रहा था।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव की ओर से गुरवार को वैक्सीन ट्रायल के लिए चुने गए एक दर्जन संस्थानों को लिखे गए पत्र से साफ होता है कि भारत दुनिया के अन्य देशों को पीछे छो़ड़ने की तैयारी में है। डॉक्टर भार्गव के अनुसार इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल जल्द से जल्द पूरा करने का फैसला किया गया है ताकि 15 अगस्त को इसे आम लोगों के लिए प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने साफ कर दिया है कि इस पूरी प्रक्रिया की ‘सरकार में उच्चतम स्तर’ पर निगरानी की जा रही है और निर्देशों का पालन नहीं किए जाने को गंभीरता से लिया जाएगा। इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि सात जुलाई के पहले ट्रायल के लिए लोगों का पंजीकरण भी हो जाना चाहिए।