◆भारत ने 59 चाइनीज ऐप्स पर बैन लगाया।
◆ भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत की तरफ ओर बढ़ाया एक और कदम
◆चीन प्रोपोगेंडा कर भारत सहित दुनियां को डराने में लगा है और भारत चीन की हेकड़ी निकलने में
◆ हर भारतीय 1962 में मिली हार का कर्ज चुकाने को बेताब है।
बीजिंग. लद्दाख की गलवान वैली में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद जारी तनाव के बीच भारत सरकार ने चीन के 59 ऐप्स पर सोमवार को बैन लगा दिया है. इन ऐप्स में टिक टॉक (TikTok), यूसी ब्राउजर, हेलो और शेयर इट जैसे काफी पॉपुलर ऐप्स शामिल हैं. भारत ने तर्क दिया है कि इन चाइनीज ऐप्स के सर्वर भारत से बाहर मौजूद हैं और इनके जरिए यूजर्स का डेटा चुराया जा रहा था. उधर चीनी सरकार ने भले ही इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी हो, लेकिन चीन की सरकारी मीडिया ने भारत के कदम को अमेरिका की नक़ल करने वाला करार दिया है. चीन के सरकारी अखबार ने कहा है कि चीन की वस्तुओं के बहिष्कार के लिए भारत भी अमेरिका जैसे ही बहाने ढूंढ रहा है.
बता दें कि भारत सरकार ने स्पष्ट कहा है कि इन ऐप्स से देश की सुरक्षा और एकता को खतरा बना हुआ था, इसलिए ही इन्हें बैन करने का फैसला लिया गया है. सरकार ने इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 69ए के तहत इन चीनी ऐप्स को बैन किया है. सूचना मंत्रालय को मिल रही शिकायतों में कहा गया था कि एंड्रायड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर मौजूद कुछ चीनी मोबाइल ऐप्स का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. ये ऐप्स गुपचुप और अवैध तरीके से यूजर का डेटा चोरी कर भारत के बाहर मौजूद सर्वर पर भेज रहे थे. इसके आलावा इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर, गृह मंत्रालय को भी इस तरह के खतरनाक ऐप्स को तुरंत बैन करने के लिए रिकमंडेशन भेजी गई थी.